Indian Airforce 40N6 Missiles: पाकिस्तान वायु सेना (PAF) अपने एकमात्र बॉम्बार्डियर ग्लोबल 6000 बिजनेट जेट को HAVASOJ (हवा सवुनमा ऑपरेशन जैमिंग) इलेक्ट्रॉनिक युद्धक (EW) विमान में बदलने की अपनी योजना का पुनर्मूल्यांकन कर रही है. यह निर्णय भारतीय वायु सेना (IAF) की S-400 वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से इसकी 40N6 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) से उत्पन्न होने वाले खतरे को देखते हुए लिया गया है.
X पर पोस्ट और हालिया विश्लेषणों से संकेत मिलता है कि 400 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली 40N6 मिसाइल ने पाकिस्तान के हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण प्रणालियों (AWACS) और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्लेटफार्मों के परिचालन क्षेत्र को काफी सीमित कर दिया है, जिससे उन्हें युद्ध के दौरान अग्रिम पंक्ति से कम से कम 200 किलोमीटर दूर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
जब युद्ध हुआ तो तब पाकिस्तान के सामने आई कमजोरी
मई 2025 में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान उजागर हुई इस सच्चाई ने प्रस्तावित HAVASOJ-सुसज्जित ग्लोबल 6000 और पाकिस्तानी वायुसेना के मौजूदा फाल्कन DA-20G EW विमान जैसे बड़े EW प्लेटफार्मों की प्रभावशीलता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. जहां पता चला कि ये अब शांतिकालीन इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT) और सिग्नल इंटेलिजेंस (SIGINT) मिशनों के लिए ही उपयुक्त रह गए हैं.
भारत की 40N6 मिसाइल
40N6 मिसाइल से लैस भारतीय वायुसेना का S-400 सिस्टम दक्षिण एशियाई हवाई युद्ध में एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में उभरा है. 400 किमी तक की दूरी और 30 किमी की ऊंचाई पर लक्ष्यों को भेदने में सक्षम, 40N6 नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भी परे AWACS, EW विमानों और लड़ाकू विमानों जैसी उच्च-मूल्य वाली संपत्तियों को निष्क्रिय कर सकती है.
मई 2025 के संघर्ष के दौरान भारत के ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 सिस्मट ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब उसने 40N6 मिसाइल का इस्तेमाल करके 314 किलोमीटर दूर स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के साब 2000 Erieye AWACS को मार गिराया. जैसा कि यूरेशियन टाइम्स ने रिपोर्ट किया था.
ब्रह्मोस का यूज किया
भोलारी एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल हमले में एक और एरीये नष्ट हो गया, जिससे पाकिस्तान के AWACS बेड़े में भारी कमी आई. इन नुकसानों के कारण पाकिस्तानी वायुसेना को अपने AWACS अभियानों को पंजाब-खैबर पख्तूनख्वा (KPK) सीमा के पश्चिम में, विवादित पूर्वी मोर्चे से दूर, सीमित करना पड़ा, ताकि भारत की लंबी दूरी की हवाई सुरक्षा के आगे जोखिम से बचा जा सके.
बता दें कि 40N6 की उन्नत रडार और मार्गदर्शन प्रणालियां, साथ ही एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की इसकी क्षमता ने ग्लोबल 6000 और DA-20G जैसे बड़े, नॉन-स्टील्थ विमानों को असुरक्षित बना दिया है. अब ऐसे में पाकिस्तान इंडियन एयरफोर्स की ताकत को देख खौफ खाए बैठा है और खुद को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है.
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