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भारत के Akash-NG मिसाइल सिस्टम की बुलंदी आसमान में, 8000 KM दूर का देश भी हुआ जबरा फैन!

Akash- NG Missile Defense System: मोरक्को ने भारत के स्वदेशी Akash-NG वायु रक्षा प्रणाली में रूचि दिखाई है. मुमकिन है कि दोनों देशों के बीच डील हो सकती है. रॉयल मोरक्कन आर्मी इसे अपनाना चाहती है. बता दें कि Akash-NG मिसाइल सिस्टम 50 से 60 किमी तक की दूरी पर हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.

भारत के Akash-NG मिसाइल सिस्टम की बुलंदी आसमान में, 8000 KM दूर का देश भी हुआ जबरा फैन!
  • इसका वजन 350 किलोग्राम
  • हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम

Akash- NG Missile Defense System: भारत की Akash-NG वायु रक्षा प्रणाली के चर्चे पूरी दुनिया में हैं.यह DRDO द्वारा विकसित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मारने वाली मिसाइल प्रणाली है. इसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने बनाया था. इस प्रणाली ने भारतीय वायु सेना की ताकत में रिकॉर्ड इजाफा किया है. अब इस मिसाइल प्रणाली की चर्चा दूर देशों में भी है. रॉयल मोरक्कन आर्मी ने तो इसमें अपनी दिलचस्पी भी व्यक्त की है. 

मोरक्को का Akash-NG पर आया दिल
दरअसल, 30 अक्टूबर से 2 नवंबर 2024 तक माराकेच रॉयल मोरक्कन एयर फोर्स बेस में माराकेच एयर शो-2024 हुआ. इस दौरान टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड ने अपने WhAP 8×8 वाहन को प्रदर्शित किया, जो एक बहुमुखी बख्तरबंद वाहन है. तभी भारत की आकाश-NG वायु रक्षा प्रणाली भी चर्चा में आई. अब मोरक्कन सेना ने TASL के साथ WhAP के निर्यात और मोरक्को में स्थानीय उत्पादन के लिए रूचि दिखाई है. इससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ा है.

ये देश पहले दिखा चुके रूचि
भारत ने पहले ही Akash-NG वायु रक्षा प्रणाली के आकाश-1एस (Akash-1S) मॉडल को आर्मेनिया को निर्यात किया है. इसकी डिलीवरी 2024 में शुरू हो चुकी है. पहले से ही पूर्वी एशिया के देश जैसे- वियतनाम और फिलीपींस भी आकाश-एनजी में रूचि दिखा चुके हैं. अब मोरक्को का इसमें शामिल होना भारत के लिए बड़ी बात है.

Akash-NG मिसाइल सिस्टम की क्या खूबियां?
- 50 से 60 किलोमीटर तक की दूरी पर हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, आकाश मॉडल की 25-30 किलोमीटर की रेंज से अधिक है.
- दोहरी-पल्स ठोस रॉकेट मोटर के कारण इसका वजन 350 किलोग्राम है, जो पुराने रैमजेट मॉडल के 700 किलोग्राम से आधा है.
- यह तेज हवाई खतरों जैसे लड़ाकू विमानों, क्रूज़ मिसाइलों और ड्रोनों को नष्ट करने में सक्षम है.
- इसमें 80 किलोमीटर तक की आइडेंटिफिकेशन रेंज है, जो दुश्मन को जल्दी पहचानने और जवाबी कार्रवाई करने में मदद करती है.

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