Sukhoi Su-30mki vs Chinese J-16 fighter Jet: चीन अक्सर भारत के फाइटर जेट्स से मुकाबला करने का दावा करता है. अपने लड़ाकू विमानों को भारत से बेहतर बताकर मार्केट में बेचने की भरसक कोशिश करता है. हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ये तो स्पष्ट हो चुका है कि पाक-चीन की डिफेंस तकनीक ज्यादा मजबूत है या भारत की. बहरहाल, कंपटीशन की भावना रखने वाले चीन ने एक बार फिर अपने जेट्स के कसीदे पढ़े हैं. एक जेट को तो भारत के रूसी निर्मित सुखोई Su-30MKI से बेहतर बताया है.
चीन ने J-16 को बताया Su-30MKI से बेहतर
दरअसल, चीन की वायुसेना के पास तीन प्रमुख लड़ाकू विमान हैं. ये J-20 माइटी ड्रैगन, J-10C विगरस ड्रैगन और J-16 हैं, इन्हें चीनी सैन्य ब्लॉगर्स ने 'थ्री मस्किटियर्स' का नाम दिया है. बाकी दो जेट्स की तो खूब बात होती रही है, लेकिन J-16 कोई फेमस लड़ाकू विमान नहीं है. लेकिन चीन ने इस जेट की नए सिरे से ब्रांडिंग शुरू की है, ताकि इसके लिए खरीदार मिल सकें. अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए चीन भारत के सुखोई Su-30MKI को बदनाम करने में लगा हुआ है.
चीन के जेट युद्ध भूमि में टेस्टेड नहीं
चीन के सैन्य ब्लॉगर्स का दावा है कि J-16 को रूस के Su-30MKI के मुकाबले में बेहतर है. चीनी लेखों के अनुसार, J-16 की संख्या 300 से 400 के बीच है. जबकि भारत के पास 270 से अधिक Su-30MKI हैं. हालांकि, J-16 को Su-30MKI से बेहतर बनाने पर लोग चीन का मजाक उड़ा रहे हैं. चीन के जेट्स ने तो किसी युद्ध का सामना भी नहीं किया. जबकि रूस के जेट्स युद्धभूमि में झंडा गाड़ चुके हैं.
J-16 के मुकाबले Su-30MKI कैसे आगे?
Su-30MKI में थ्रस्ट वेक्टरिंग नोजल के साथ एक विश्वसनीय AL-31F इंजन है, इसमें फ्रेंच सिस्टम के साथ इंडो-इजराइली एवियोनिक्स है. ये इसे चीन के J-10 लड़ाकू विमान से बेहतर बनाता है. Su-30MKI की लंबी रेंज और भारी हथियार ले जाने की क्षमता इसे चीनी जेट से दो कदम आगे खड़ा करती हैं. इसके अलावा, जल्द ही रूस भारत का सहयोग करते हुए Su-30MKI को अपग्रेड करने वाला है. मुमकिन है कि रूस सुखोई-30 फाइटर जेट में Su-57 के AL-41 इंजन को भी लगा दे. रूस ने भारत को ऐसा ऑफर दिया था. ऐसा होता है तो चीनी जेट की हवा निकलना तय है.
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