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ईरान ने कैसे भेदा इजरायल का वो आयरन डोम, जिसका अमेरिका भी हो गया था जबरा फैन!

Iran Vs Israle Iron Dome: ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव और अन्य हिस्सों पर बड़े पैमाने पर हमले किए, जिससे इजरायल का आयरन डोम डिफेंस सिस्टम फेल हो गया. आयरन डोम राफेल और IDF द्वारा विकसित मिसाइल रक्षा प्रणाली, 90% से अधिक सफलता दर के साथ रॉकेट हमलों को रोकती है. अमेरिका ने आयरन डोम से प्रेरित गोल्डन डोम की योजना बनाई थी.

ईरान ने कैसे भेदा इजरायल का वो आयरन डोम, जिसका अमेरिका भी हो गया था जबरा फैन!
  • आयरन डोम इजरायल की एक ताकतवर मिसाइल रक्षा प्रणाली
  • कम दूरी की मिसाइलों और रॉकेट्स को इसने तबाह किया

Iran Vs Israle Iron Dome: ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव और देश के अन्य हिस्सों पर बड़े हमले किए हैं. ईरान के हमले इतने तेज थे कि इजरायल का नामी डिफेंस सिस्टम 'आयरन डोम' भी फेल हो गया. ईरान का हमला इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लायन के जवाब में किया गया, जिसमें इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था. इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक भी मारे गए थे.

आयरन डोम क्या है?
आयरन डोम इजरायल की एक ताकतवर मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने मिलकर विकसित किया है. यह प्रणाली शहरी क्षेत्रों को रॉकेट और मोर्टार हमलों से बचाने के लिए डिजाइन की गई है. आयरन डोम की सफलता दर 90% से अधिक रही है. खासकर कम दूरी की मिसाइलों और रॉकेट्स को इसने तबाह किया. यह हमास और हिजबुल्लाह जैसे समूहों के रॉकेट हमलों को रोकने में बहुत प्रभावी रहा है.

अमेरिका भी इजरायल के आयरन डोम से इंस्पायर्ड था
अमेरिका भी इजरायल के आयरन डोम से प्रेरित हुआ. आयरन डोम की तर्ज पर ही ट्रंप ने गोल्डन डोम बनाने का ऐलान किया था. ट्रंप ने कहा यही था कि इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम की तरह ही अमेरिका के पास भी एयर डिफेंस गोल्डन डोम होना चाहिए.

आयरन डोम कैसे भेदा गया?
ईरान ने सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें एक साथ दागीं, जिससे आयरन डोम पर भारी दबाव पड़ा. बैलिस्टिक मिसाइलें बहुत तेज गति की होती हैं. ये लगभग 10,000 मील प्रति घंटा की रफ्तार से अटैक करती हैं. ईरान ने अपनी नई फतह हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो बाकी बैलिस्टिक मिसाइलों से ज्यादा तेज हो. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि ईरान ने मिसाइल हमले के साथ-साथ साइबर हमले भी किए. इससे इजरायल की रडार और कमांड सिस्टम में खराबी आ गई. GPS-रहित नेविगेशन अपनाया, जो ट्रैक नहीं हो पाया. ईरान ने फेक टारगेट्स यानी डिकॉय मिसाइलें भेजीं ताकि आयरन डोम भ्रमित हो जाए.

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