Iran Developing Military Power: ईरान और इजरायल में महीने भर पहले ही खटपट हुई, जिसमें US ने भी एंट्री मारते हुए ईरान पर तगड़े हमले किए. इजरायल और अमेरिका जैसे पावरफुल आर्मी वाले देशों ने छोटे-से ईरान पर भारी बमबारी की, इसमें खूब नुकसान भी हुआ. रिपोर्ट्स तो ऐसी थीं कि ईरान कई सालों तक इन हमलों से उबर नहीं पाएगा. लेकिन मात्र 1 महीने में ही ईरान ना सिर्फ उबरा, बल्कि पहले से अधिक ताकतवर बनकर उठ रहा है.
रिवाइव और रिप्लेस रणनीति
ईरानी सेना के ऑपरेशन्स डिप्टी महमूद मुसवी का कहना है कि उन्होंने क्षतिग्रस्त एयर डिफेंस सिस्टम फिर से रिवाइव कर लिए हैं. ना सिर्फ इन्हें रिवाइव या रिप्लेस किया गया है, बल्कि कुछ को तो अपडेट भी किया है. ईरान का ये भी दावा है कि एयर डिफेंस सिस्टम पहले से अधिक सुरक्षित स्थानों तैनात कर दिए गए हैं.
ईरान ने 'आत्मनिर्भरता' दिखाई
रिपोर्ट्स कहती हैं कि ईरान को अपनी डगमगाई हुई ताकत को फिर से जोड़ने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. दरअसल, ईरान ने बाहरी देशों की मदद के बिना ही अपने दम पर रक्षा कवच मजबूत कर लिया है. ईरान ने खुद को इतना आत्मनिर्भर बना लिया था कि वह अपने खराब पड़े सिस्टम सुधार सके, उनमें अपडेट ला सके. बीते एक महीने में ईरान ने बाहर से पार्ट्स आयात नहीं किए, जो दर्शाता है कि ईरान खुद ही अपने सिस्टम ताकतवर बना रहा है.
ये सिस्टम तैनात किए हैं
मजबूती के साथ तैनात होने वाले एयर डिफेंस सिस्टम में ईरान का बावर-373 और रूस का S-300 भी शामिल है. बता दें कि बावर-373 सिस्टम ईरान का सबसे तगड़ा एयर डिफेंस सिस्टम है. यह S-400 जैसा ही है, जो मल्टी-टारगेट और मल्टी-लेयर इंटरसेप्शन ताकत रखता है. इसकी रेंज 300 किलोमीटर के आसपास है. अब इसे नए कॉन्फिगरेशन के संग तैनात किया है.
ईरान ने बदले हथियारों के स्थान
डिफा प्रेस में छपी रिपोर्ट की मानें तो ईरान ना सिर्फ हथियार अपग्रेड कर रहा है, बल्कि रणनीति भी विकसित कर रहा है. कुछ ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां भविष्य में हमले हो सकते हैं, इस कारण अपने डिफेंस सिस्टम की जगह भी ईरान ने बदल ली. इसके इतर, मोबाइल मिसाइल यूनिट्स की संख्या में भी इजाफा हो सकता है.