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खामेनेई ने रखा नाम, 2023 में आई सामने...इजरायल से चल रहे संघर्ष में ईरान ने दागी ये खतरनाक मिसाइल, Iron Dome नहीं कर पाएगा कुछ!

How dangerous is Fattah-1 missile? इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने Fattah-1 मिसाइल को 'इजराइल-स्ट्राइकर' कहा है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि ईरान ने इजराइल की ओर 'हाइपरसोनिक' मिसाइल दागी है. Fattah-1 ईरान की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो अपनी उच्च गति, सटीकता और उड़ान के दौरान अपना रास्ता बदलने की क्षमता के लिए जानी जाती है. ऐसा बताया जा रहा है कि मौजूदा संघर्ष में पहली बार मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है.

खामेनेई ने रखा नाम, 2023 में आई सामने...इजरायल से चल रहे संघर्ष में ईरान ने दागी ये खतरनाक मिसाइल, Iron Dome नहीं कर पाएगा कुछ!

Fattah-1 missile: इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि उसने इजराइल पर Fattah-1 'हाइपरसोनिक' मिसाइल दागी है. फत्ताह मिसाइल जो पहली बार 2023 में सामने आई थी, इसका नाम ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रखा था.

1 अक्टूबर, 2024 को ईरान द्वारा इजराइल पर किए गए हमले के दौरान यरुशलम पर दर्जनों फत्ताह-1 मिसाइलें दागी गई थीं. हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि चल रहे संघर्ष में मिसाइल का इस्तेमाल पहली बार किया गया है.

फत्ताह मिसाइल वास्तव में क्या है और यह कितनी खतरनाक है? यह पश्चिम एशिया में युद्ध को कैसे प्रभावित कर सकती है?

Fattah-1 मिसाइल क्या है? यह कितनी खतरनाक है?
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने फतेह-1 को 'इजराइल-स्ट्राइकर' कहा है. इसके अनावरण के समय, तेहरान में एक बड़ा बैनर लगाया गया था, जिस पर हिब्रू में एक संदेश लिखा था, 'तेल अवीव के लिए 400 सेकंड.'

Fattah-1 ईरान की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो अपनी उच्च गति, सटीकता और उड़ान के बीच में दिशा बदलने की क्षमता के लिए जानी जाती है. रिपोर्टों के अनुसार, इसे इजराइल के आयरन डोम और एरो जैसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भी पार करने के लिए डिजाइन किया गया है.

'हाइपरसोनिक' शब्द का अर्थ आमतौर पर ऐसे हथियारों से होता है जो पृथ्वी के वायुमंडल में बहुत तेज गति से यात्रा कर सकते हैं, जिसमें हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल हैं. इन्हें रोकना मुश्किल है क्योंकि वे बहुत तेज गति से आगे बढ़ सकते हैं और तेजी से दिशा बदल सकते हैं.

ईरान वॉच के अनुसार, फतेह-1 की रेंज 1,400 किलोमीटर तक है. यह सोलिड ईंधन पर चलती है और सिंगल-स्टेज प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग करती है.

ईरान का कहना है कि फतेह-1 मैक 5, ध्वनि की गति से पांच गुना या लगभग 6,100 किलोमीटर प्रति घंटे (लगभग 3,800 मील प्रति घंटे) की रफ्तार तक पहुंच सकती है. 

हालांकि, सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर बैलिस्टिक मिसाइलें अपने लक्ष्य के पास पहुंचने पर हाइपरसोनिक गति तक पहुंच जाती हैं.

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के शोधकर्ता फेबियन हिंज ने CNN को बताया कि मिसाइल में संभवतः एक वारहेड 'मैन्युवरेबल रीएंट्री व्हीकल' पर रखा गया है, जो अवरोधन से बचने के लिए इसे उतरने के दौरान थोड़ी देर के लिए दिशा बदलने देता है.

लेकिन कुछ विशेषज्ञ इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि ईरान ने वास्तव में मंगलवार रात को मिसाइल का इस्तेमाल किया था या नहीं?

पूर्व अमेरिकी सेना के विस्फोटक आयुध तकनीशियन ट्रेवर बॉल ने CNN को बताया, 'यह उनकी सबसे नई बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है और इसके इस्तेमाल से उन्हें बहुत कुछ खोना पड़ेगा है.'

उन्होंने कहा, 'इसराइल को इसके इस्तेमाल से ही इसकी क्षमताओं का अंदाजा हो जाएगा. इसके काम न करने की भी संभावना है, जिससे इजराइल को अपनी क्षमताओं का और भी बेहतर अंदाजा हो जाएगा.'

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