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नई ब्रिटिश सरकार में भारत विरोधी महिला को भी जगह, अनुच्छेद 370 हटने पर किया था विरोध

शबाना महमूद पाकिस्तान मूल की ब्रिटिश सांसद हैं. किएर की सरकार में उन्हें न्याय सचिव बनाया गया है. ब्रिटेन के बर्मिंघम में जन्मीं शबाना के माता-पिता POK के मीरपुर में बाब-ए-यम नाम के एक गांव में पैदा हुए थे. वह भारत सरकार की कड़ी आलोचक हैं. 

नई ब्रिटिश सरकार में भारत विरोधी महिला को भी जगह, अनुच्छेद 370 हटने पर किया था विरोध
  • PoK मूल की सांसद हुई नियुक्त 
  • भारत सरकार की है कड़ी आलोचक 

नई दिल्ली: ब्रिटेन के आम चुनाव में ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में लेबर पार्टी की एकतरफा जीत हुई है. पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमंस की 650 सीटों में कुल 412 सीटों में जीत दर्ज की है. वहीं अब लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. किएर ने अपने कैबिनेट में एक भारतीय तो एक PoK मूल की सांसद को नियुक्त किया है, ये दोनों ही नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. 

भारत और PoK मूल के सांसद 
ब्रिटेन में 19 भारतीय मूल के सांसद होने के बावजूद केवल एक ही मंत्री ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में जगह बनाई है. वहीं दूसरी ओर PoK मूल की ब्रिटिश सांसद शबाना महमूद को भी जस्टिस सेक्रेटरी बनाया गया है. शबाना कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत सरकार की कड़ी आलोचक हैं. 

कौन हैं लिसा नंदी? 
भारतीय मूल की लिसा नंदी मैनचेस्टर में जन्मी हैं. 44 साल की लिसा को किएर की कैबिनेट में खेल मंत्री, मीडिया और संस्कृति मंत्री बनाया गया है. पिछले 14 सालों से विगन सीट से लेबर पार्टी की सांदस रह चुकीं लिसा इस साल एक बार फिर इस सीट से सांसद चुनकर आई हैं.  लिसा के पिता कलकत्ता रहने वाले शिक्षाविद और एक्टिविस्ट हैं. उनकी माता लुइस बायर्स ब्रिटिश मूल की हैं, जो लेबर पार्टी की जानी-मानी नेता रह चुकी हैं. 

कौन हैं शबाना महमूद? 
शबाना महमूद पाकिस्तान मूल की ब्रिटिश सांसद हैं. किएर की सरकार में उन्हें न्याय सचिव बनाया गया है. ब्रिटेन के बर्मिंघम में जन्मीं शबाना के माता-पिता POK के मीरपुर में बाब-ए-यम नाम के एक गांव में पैदा हुए थे. वह भारत सरकार की कड़ी आलोचक हैं और कई बार हाउस ऑफ कमिशंस में कश्मीर का राग अलपा चुकी हैं. इसके अलावा शबाना ने साल 2019 में बॉरिस जॉनसन को लिखे एक लेटर में साइन किया था, जिसमें ब्रिटिश प्रधानमंत्री से आर्टिकल 370 हटाने के लिए भारत सरकार की कड़ी निंदा करने के लिए कहा गया था. वहीं उन्होंने 2019 में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर लंदन में इंडियन एंबेसी के एक प्रोटेस्ट में स्पीच भी दी थी, जिसके बाद उग्र लोगों ने भारतीय दूतावास की इमारत में काफी तोड़-फोड़ मचाई थी. 

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