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ये है दुनिया का सबसे महंगा मसाला, एक किलो के दाम में खरीद लेंगे शानदार बाइक!

केसर दुनिया का सबसे महंगा मसाला है, जो क्रोकस सैटाइवस फूल से निकलता है. इसकी खेती मुख्य रूप से ईरान और कश्मीर में होती है. एक किलो केसर तैयार करने में हजारों फूलों की जरूरत होती है. इसकी खुशबू, रंग और औषधीय गुण इसे बेहद खास और कीमती बनाते हैं.  

ये है दुनिया का सबसे महंगा मसाला, एक किलो के दाम में खरीद लेंगे शानदार बाइक!
  • दुनिया का सबसे महंगा मसाला
  • हजारों फूलों से बनता है एक किलो
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खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए मसाले जरूरी होते हैं, लेकिन कुछ मसाले इतने खास होते हैं कि उनकी कीमत लाखों में होती है. ऐसा ही एक मसाला है 'केसर', जिसे दुनिया का सबसे महंगा मसाला माना जाता है. यह दिखने में छोटा जरूर है, लेकिन इसकी खेती, तैयारी और मांग इसे बेहद कीमती बना देती है. आज हम जानेंगे केसर का इतिहास, इसकी खेती कहां होती है, क्यों ये इतना महंगा है और बाजार में इसकी कीमत क्या होती है.

केसर क्या होता है?
केसर एक फूल से निकलने वाला पतला लाल रंग का रेशा होता है, जिसे अंग्रेजी में Saffron कहा जाता है. यह Crocus Sativus नाम के फूल से निकलता है. एक फूल से सिर्फ तीन रेशे ही मिलते हैं. करीब 75,000 फूलों से सिर्फ 450 ग्राम केसर तैयार हो पाता है, इसी वजह से इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है.

खेती कहां होती है?
दुनिया में सबसे ज्यादा केसर ईरान में उगाया जाता है. वहां से दुनिया के 85–90% हिस्से को केसर सप्लाई होता है. इसके अलावा भारत, स्पेन, ग्रीस और अफगानिस्तान में भी इसकी खेती होती है. भारत में केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर के पंपोर और आसपास के इलाकों में की जाती है. यहां की मिट्टी और मौसम इसे उगाने के लिए सबसे बेहतर माने जाते हैं. कश्मीरी केसर को उसकी गहरी खुशबू और रंग के लिए जाना जाता है.

इतिहास क्या कहता है?
केसर का इतिहास करीब 3,000 साल पुराना माना जाता है. इसका सबसे पहले इस्तेमाल ईरान, ग्रीस और भारत जैसे देशों में हुआ था.
भारत में आयुर्वेदिक दवाओं, पूजा-पाठ और खास खाने में इसका इस्तेमाल होता रहा है. माना जाता है कि यह त्वचा, पाचन, नींद और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.

इतना महंगा क्यों है?
- यह कम मात्रा में मिलता है क्योंकि एक फूल से सिर्फ 3 रेशे निकलते हैं.
- इसका सारा काम हाथ से होता है जैसे फूल तोड़ना, रेशे निकालना और सुखाना सब मैन्युअल होता है.
- इसमें ज्यादा मेहनत लगती है और हजारों फूलों से थोड़ा सा केसर बनता है.
- केसर सीमित जगहों पर उगता है क्योंकि हर जगह इसकी खेती नहीं हो सकती.

केसर की कीमत कितनी है?
भारत में कश्मीरी केसर की कीमत करीब ₹2.5 लाख से ₹3 लाख प्रति किलो तक होती है. कुछ खास ग्रेड जैसे नेगिन, जिसकी क्वालिटी सबसे बेहतर मानी जाती है, उसकी कीमत ₹4 से ₹5 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है. ईरानी केसर थोड़ी सस्ती होती है, लेकिन उसमें स्वाद और खुशबू थोड़ी हल्की हो सकती है.

नकली केसर से कैसे बचें?
आजकल बाजार में नकली केसर भी खूब बिकता है. असली केसर पानी में डालने पर धीरे-धीरे रंग छोड़ता है और उसमें हल्की खुशबू होती है. नकली केसर डालते ही तेज रंग छोड़ देता है और उसमें खुशबू नहीं होती.

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