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Nimisha Priya: विदेशी जेलों में बंद हैं कुल कितने भारतीय? मौत की सजा पाने वालों की संख्या अधिक

Beyond Nimisha Priya: संसद में साझा किए गए सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि हजारों भारतीय कानून के गलत पक्ष में पाए गए हैं. कम से कम 49 लोगों को मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है.

Nimisha Priya: विदेशी जेलों में बंद हैं कुल कितने भारतीय? मौत की सजा पाने वालों की संख्या अधिक

Indians in foreign jails: वर्तमान में 10,000 से ज्यादा भारतीय विदेशी जेलों में बंद हैं, जिनमें 49 को मौत की सजा सुनाई गई है. विदेशों में कानूनी पेचीदगियों की कठोर सच्चाई भारतीय कूटनीति के लिए चुनौती बनी हुई है और सरकारी हस्तक्षेप की सीमाओं की परीक्षा ले रही है. छोटे-मोटे अपराधों से लेकर हत्या और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर अपराधों तक, विदेशों में भारतीय नागरिकों को भारत से बिल्कुल अलग कानूनी व्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है, अक्सर बिना पर्याप्त कानूनी सहायता या कूटनीतिक मदद के.

निमिषा प्रिया का मामला: एक ताजा उदाहरण
सबसे जरूरी मामलों में से एक निमिषा प्रिया का मामला है, जो केरल की एक नर्स हैं और जिन्हें 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए यमन में मौत की सजा सुनाई गई थी. महदी द्वारा प्रिया का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था और वह उन्हें परेशान करता था, जिसके बाद एक दिन प्रिया ने उसे नशीला पदार्थ दे दिया, लेकिन उससे स्थिति बिगड़ गई और वह मर गया. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिया ने एक यमनी साथी के साथ मिलकर शव के टुकड़े-टुकड़े करके उसे पानी की टंकी में छिपा दिया. यमन के शरिया कानून के तहत चलाए गए मुकदमे में दोषी ठहराए जाने के बाद, उनकी अपील 2023 में खारिज कर दी गई और 16 जुलाई 2025 को फांसी की सजा निर्धारित की गई.

भारत सरकार ने स्वीकार किया है कि हूती-नियंत्रित यमनी प्रशासन के साथ राजनयिक संबंधों की कमी के कारण उसके हाथ बंधे हुए हैं. अनौपचारिक बातचीत और प्रभावशाली स्थानीय लोगों से संपर्क करने जैसे प्रयासों के बावजूद, स्थिति गंभीर बनी हुई है. एकमात्र उम्मीद 'ब्लड मनी' पर टिकी है, जो शरिया कानून का एक प्रावधान है जिसके तहत पीड़ित के परिवार द्वारा आर्थिक मुआवजा स्वीकार करने पर दोषी की जान बख्शी जा सकती है. हालांकि, यह प्रक्रिया पूरी तरह से निजी है, और भारत सरकार संपर्क की सुविधा के अलावा सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती.

एक मामले से परे एक पैटर्न
प्रिया का मामला, हालांकि चरम पर है, लेकिन अकेला नहीं है. मार्च 2025 तक दी गई जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि आठ देशों में 49 भारतीय नागरिक मौत की सजा का सामना कर रहे हैं. इनमें संयुक्त अरब अमीरात में 25, सऊदी अरब में 11, मलेशिया में छह और कुवैत, इंडोनेशिया, कतर, अमेरिका और यमन में अन्य शामिल हैं.

इसके कारणों में हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी और जासूसी से लेकर आर्थिक अपराध, और कुछ मामलों में, अत्यधिक रूढ़िवादी कानूनी क्षेत्राधिकारों में धार्मिक उल्लंघन भी शामिल हैं. उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में सऊदी अरब और कुवैत में जिन कई भारतीयों को मौत की सजा दी गई, वे मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों के दोषी थे.

खाड़ी देशों में क्या स्थिति?
संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब, जहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, खासकर मजदूरी करने के लिए जाते हैं, तो वहां भारतीयों से जुड़े कानूनी मामलों की संख्या ज्यादा है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, अकेले संयुक्त अरब अमीरात में 2,500 से अधिक भारतीय कैदी हैं, जिनमें से 25 को मौत की सजा सुनाई गई है, जो सभी विदेशी देशों में सबसे ज्यादा है. हालांकि संयुक्त अरब अमीरात सरकार सार्वजनिक रूप से फांसी की सजा के आंकड़े जारी नहीं करती. भारतीय अधिकारी घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए अनौपचारिक माध्यमों पर निर्भर रहते हैं.

अक्सर, ये कानूनी मुद्दे श्रम विवादों, पहचान की चोरी, तस्करी या तनावपूर्ण कामकाजी परिस्थितियों में हिंसक झगड़ों से बनते हैं. कुछ मामलों में, गलत समय पर गलत जगह पर होने या अवैध नेटवर्क के जाल में फंसने के कारण दोषसिद्धि हुई है.

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