North Korea Military Power: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन इन दिनों मुश्किलों में घिरे हुए हैं. दक्षिण कोरिया की बढ़ती हुई ताकत किम के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. हाल ही में दक्षिण कोरिया ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया है. किम लगातार अपनी मिलिट्री को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ जो 'तिकड़ी' मजबूत हो रही है, वह उससे भिड़ने में सक्षम नहीं हैं.
दक्षिण कोरिया ने दोस्तों संग दिखाई पावर
11 जुलाई को दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान तीनों देशों ने जेजू द्वीप के पास अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में एक संयुक्त हवाई अभ्यास किया. इसमें अमेरिका का न्यूक्लियर केपेबल B-52H बॉम्बर शामिल था. ये अभ्यास उत्तर कोरिया को सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने और उसकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए हुआ. उत्तर कोरिया इन अभ्यासों को आक्रमण की तैयारी के रूप में देखता है. कई बार तो जवाब में मिसाइल टेस्ट भी करता है.
तिकड़ी के सामने कितना मजबूत है उत्तर कोरिया?
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स (Global Firepower Index) हर साल एक लिस्ट जारी करता है, जिसमें 145 देशों की सैन्य ताकत बताई जाती है, मिलिट्री पावर के हिसाब से ही इन्हें रैंक भी दी जाती है. इस इंडेक्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया के पास दुनिया की 34वीं सबसे ताकतवर सेना है. जबकि बाकी तीनों देशों के पास किम जोंग की मिलिट्री से ज्यादा पावरफुल मिलिट्री है. अमेरिका के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है. दक्षिण कोरिया के पास दुनिया की 5वीं सबसे पावरफुल मिलिट्री है. जापान के पास भी 8वीं सबसे मजबूत सेना है. उत्तर कोरिया सैन्य ताकत के मामले में तीनों ही देशों से कमजोर है.
किम जोंग कर रहे मुकाबले की तैयारी
किम जोंग उन तीनों देशों की ताकत को अच्छे से पहचानते हैं, इसी कारण वे तेजी से नए-नए हथियार बना रहे हैं. हाल ही में उन्होंने रासायनिक हथियार बनाने का निर्देश भी दिया है. उत्तर कोरिया सार्वजनिक तौर पर ये तो स्वीकार कर ही चुका कि उसके पास 50 परमाणु हथियार हैं. हालांकि, विश्लेषक मानते हैं कि नॉर्थ कोरिया के पास इससे कहीं अधिक न्यूक्लियर वेपन्स हैं. किम जोंग की मिलिट्री के पास ह्वासोंग-18 और ह्वासोंग-19 जैसी मिसाइलें भी हैं, लेकिन इनकी विश्वसनीयता पर शक है.