trendingNow1zeeHindustan769477
Hindi news >> Zee Hindustan>> ग्लोबल नजरिया
Advertisement

ग्वादर पोर्ट बचाने के लिए पाकिस्तान ने तैनात की मरीन कमांडो फोर्स, सता रहा है बड़ा खतरा

पाकिस्तान की सरकार को ग्वादर पोर्ट पर बड़ा खतरा मंडराता दिख रहा है. चीन की मदद से तैयार इस बंदरगाह को बचाने के लिए पाकिस्तानी नेवी ने  स्पेशल 'टास्क फोर्स 88' की तैनाती की है. ये ग्वादर पोर्ट और पास के समुद्र तटों की कड़ी सुरक्षा करेगी. इसमें 400 मरीन कमांडो को शामिल किया गया है.

ग्वादर पोर्ट बचाने के लिए पाकिस्तान ने तैनात की मरीन कमांडो फोर्स, सता रहा है बड़ा खतरा
  • ग्वादर पोर्ट रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है.
  • ये जिस जगह पर है. वहां से होकर दुनिया का 35 फीसदी कच्चा तेल गुजरता है.

नई दिल्लीः बलूचिस्तान में CPEC पर बढ़ते हमले ने पाकिस्तान सरकार और फौज के होश उड़ा दिए हैं. अब तक CPEC और ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना की स्ट्रैटेजिक डिवीजन के पास थी. यही डिवीजन ग्वादर, कराची, बिन क़ासिम और ओरमारा बंदरगाहों की सुरक्षा का जिम्मा संभालती थी, बाकी की सुरक्षा पाकिस्तानी नेवी के हाथ में थी, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है. ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा की कमान स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपी गई है. इसका नाम है टीएफ-88 .

टीएफ-88 को छोटे युद्धपोत और एयरक्राफ्ट से किया लैस
टीएफ-88 की अहमियत इसी से समझी जा सकती है कि इसे गनबोट्स, फ्रिगेट्स , फास्ट अटैक क्राफ्ट और हवाई जहाज़ के साथ ही ड्रोन से भी लैस किया गया है. सर्विलांस के लिए चीन की तरफ से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दिए जाने की भी खबर है.

fallback

पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि ग्वादर पोर्ट पर समंदर और जमीन के साथ ही आसमान के रास्ते किसी भी वक्त हमला हो सकता है. ड्रोन से अटैक के खतरे के बाद सर्विलांस तेज कर दिया गया है. टीएफ-88 के 400 मरीन कमांडो ग्वादर पोर्ट, इसके आस-पास के इलाके के साथ ही समुद्री क्षेत्रों की भी सुरक्षा करेंगे. 

टीएफ-88 की मरीन यूनिट पाकिस्तानी सेना और वायुसेना के साथ लगातार संपर्क में रहेगी. जिससे किसी भी खतरे का इनपुट मिलने पर फौरी कदम उठाए जा सकेंगे. टीएफ-88 को पाकिस्तानी एयरफोर्स के उच्च क्षमता वाले रडारों से भी इनपुट मिलेगा. 

रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है ग्वादर पोर्ट
अरब सागर के किनारे बना ग्वादर पोर्ट पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है. जहां बड़े पैमाने पर अलगाववादी आंदोलन चल रहा है. साल भर में ग्वादर पोर्ट को चीन से जोड़ने वाले CPEC यानी चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर 6 से बड़े हमले हो चुके हैं.

fallback

इसमें कई पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों की जान गई है. बलूचिस्तान के लोग इस इलाके में चीन की सक्रियता से गुस्से में हैं. इसी वजह से पाकिस्तान की सरकार खौफ में है. उसे किसी भी वक्त ग्वादर पोर्ट पर बड़े  हमले का अंदेशा सता रहा है.

दुनिया का 35 फीसदी कच्चा तेल यहां से गुजरता है
ग्वादर पोर्ट रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है. ये जिस जगह पर है. वहां से होकर दुनिया का 35 फीसदी कच्चा तेल गुजरता है. अब चीन ग्वादर पोर्ट के जरिए CPEC होते हुए कच्चे तेल का आयात करने की तैयारी में है. इससे उसके तेल टैंकर्स को हिंद महासागर से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा,

fallback

जहां युद्ध की स्थिति में भारत किसी भी वक्त चीन की सप्लाई लाइन काटने की क्षमता रखता है.
चीन ने पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर इसी वजह से अरबों डॉलर का निवेश किया है लेकिन अब इसकी सुरक्षा की चिंता में इमरान और जिनपिंग के होश फाख्ता हैं.

यह भी पढ़िएः France में इस्लामिक कट्टरपंथियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई, लगातार पड़ रहे हैं छापे

देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप. जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा...

नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-
Android Link -
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN
OS (Apple) Link -
https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234

 

Read More