Turkey SIPER Air Defense System: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया संघर्ष में ये बात साफ हो गई है कि पाकिस्तान के पास जो चीनी हथियार हैं, वे पूरी तरह से कबाड़ हैं. ये वेपन्स भारत की मिसाइलों को मार गिराने में तो नाकाम साबित हुए ही, इसके अलावा चीनी एयर डिफेंस सिस्टम भी औंधे मुंह गिरे. चीन के एयर डिफेंस सिस्टम इतने खराब साबित हुए कि हवाई खतरे को नष्ट करना तो दूर, उसे ट्रैक भी नहीं कर पाए. यही कारण है कि पाकिस्तान का अब चीनी हथियारों से भरोसा उठ गया है.
पाकिस्तान की नजर इन एयर डिफेंस सिस्टम पर
खबर है कि अब पाकिस्तान, चीन की बजाय तुर्की के हथियारों को महत्व देने वाला है. रिपोर्ट्स की मानें तो चीन जल्द जी तुर्की से SIPER 1 और SIPER 2 एयर डिफेंस सिस्टम का सौदा कर सकता है. SIPER 1 तो पूरी तरह से तैयार है, जबकि SIPER 2 अभी टेस्टिंग स्टेज में है. मुमकिन है कि साल 2026 में ये शुरू हो जाए.
SIPER 1: तुर्की का SIPER 1 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ब्लॉक 1 गाइडेड मिसाइल से 70 किलोमीटर दूरी के टारगेट को भी भेद सकता है. इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की ताकत HQ-16 के समान ही मानी जाती है. इसका रडार और गाइडेंस प्रणाली चीनी एयर डिफेंस सिस्टम से अच्छी मानी गई है.
SIPER 2: तुर्की का ये एयर डिफेंस सिस्टम फिलहाल टेस्टिंग फेज में है, मुमकिन है कि 2026 से ये तुर्की की वायुसेना के लिए काम करना शुरू कर दे. इसकी इंगेजमेंट रेंज तो 150 किलोमीटर तक है. इस लिहाज से ये चीनी HQ-9 को टक्कर देता है. ये स्टील्थ तकनीक वाले जेट्स को भी मार गिराने की क्षमता रखता है. यह जैमिंग के खतरों से भी निपट सकता है.
पाकिस्तान के सामने ये दो बड़ी चुनौतियां
पाकिस्तान के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली ये कि उनका एयर डिफेंस का ढांचा चीनी हथियारों के हिसाब से बना हुआ है. अब तुर्की के डिफेंस सिस्टम को खरीदने पर कई बड़े बदलाव करने होंगे, जबकि पाक के पास पैसा कम है, वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. वहीं, पाक तुर्की से सौदा करता है तो चीन भी नाराजगी व्यक्त कर सकता है.