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PM Modi US Visit: मोदी-ट्रंप की दोस्ती चीन पर पड़ेगी भारी, ड्रैगन को सबक सिखाने का पूरा प्लान तैयार!

PM Modi visit To US: प्रधानमंत्री मोदी 12 फरवरी, 2025 को दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं. यहां पर उनकी मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) पर चर्चा हो सकती है. ये प्रोजेक्ट चीन के समुद्री प्रभुत्व को कम करने के लिए है.

PM Modi US Visit: मोदी-ट्रंप की दोस्ती चीन पर पड़ेगी भारी, ड्रैगन को सबक सिखाने का पूरा प्लान तैयार!
  • IMEC चीन के BRI की काउंटर स्ट्रैटजी
  • मोदी-ट्रंप की मीटिंग पर इजरायल की नजर

नई दिल्ली: PM Modi visit To US: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी, 2025 को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. ये दो दिवसीय दौरा होगा. पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. दोनों देशों के बीच द्विपक्षी व्यापार मजबूत करने, रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है. लेकिन दो दिग्गजों की मीटिंग से सबसे अधिक चिंतित चीन है. 

IMEC होगा चीन के BRI का काउंटर
दरअसल, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) पर भी बातचीत करेंगे. IMEC महज एक व्यापार रास्ता ही नहीं होगा, बल्कि चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की काउंटर स्ट्रैटजी भी है. इससे भारत की टेक्नोलॉजी क्षमताओं में वृद्धि होगी, जबकि चीन को झटका लगना तय है.

चीन का समुद्री मार्गों पर प्रभाव कम होगा
जानकारी के अनुसार, यह 4500 किलोमीटर का कॉरिडोर बनेगा. ये भारत को मध्य पूर्व होते हुए यूरोप से कनेक्ट करेगा. यही नहीं, इससे चीन का ग्लोबल सप्लाई चेन पर एकाधिकार भी खत्म होगा. भारत और अमेरिका चीन के समुद्री रास्ते पर चीन के प्रभाव कम करने के लिए ये प्लान बना रहे हैं. फिलहाल मलक्का जलडमरूमध्य, होर्मुज जलडमरूमध्य और बाब अल-मंदाब जैसे समुद्री मार्गों पर चीन ने अपना प्रभाव बढ़ा लिया है. लिहाजा, इसे रोकने के लिए बड़ा कदम उठाना जरूरी है. 

इजरायल की बैठक पर नजर क्यों?
ट्रंप और मोदी की मुलाकात पर दुनिया के तमाम देशों की नजर है. खासकर इजरायल को इस बैठक से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है. ईरान और चीन के बीच बढ़ती दोस्ती को देखते हुए इजरायल को उम्मीद है कि भारत और अमेरिका मिलकर चीन को काउंटर कर सकेंगे. इजरायली एक्सपर्ट केसेनिया स्वेतलोवा ने जेरूसलम पोस्ट में लिखा- मोदी और ट्रंप पारंपरिक डिफेंस सेक्टर से इतर स्पेस टेक्नोलॉजी, समुद्री कारोबार और AI जैसे सेक्टर्स में चीन के बढ़ते प्रभाव पर भी बातचीत कर सकते हैं. 

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