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रूस का AI-पावर्ड ड्रोन मचाएगा भीषण तबाही, अटैक से पहले ही यूक्रेन की सांस फूली!

Russia AI Powered Strike Drone V2U: रूस-यूक्रेन युद्ध में एक नए ड्रोन की एंट्री हुई है, जिसका नाम AI-पावर्ड स्ट्राइक ड्रोन V2U है. इसे रूस ने विकसित किया है, जो खुद से लक्ष्य को पहचानकर हमला करता है. यूक्रेन का दावा है कि रूस हर माह 5000 ड्रोन बना रहा है, जो लंबी दूरी के लिए हैं. यूक्रेन की मानें तो रूस की ड्रोन शक्ति चीन पर निर्भर है.  

रूस का AI-पावर्ड ड्रोन मचाएगा भीषण तबाही, अटैक से पहले ही यूक्रेन की सांस फूली!
  • AI-पावर्ड स्ट्राइक ड्रोन V2U की चर्चा तेज
  • रूस हर महीने बना रहा 5 हजार ड्रोन

Russia AI Powered Strike Drone V2U: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. हाल ही में यूक्रेन ने रूस पर बड़ा ड्रोन और मिसाइल अटैक किया था. इसके बाद से ही रूस गुस्से से लाल है और नित नए-नए हथियारों की नुमाइश कर रहा है, जो यूक्रेन में तबाही मचा देंगे. इसी कड़ी में रूस ने एक नया ड्रोन यूक्रेन के खिलाफ तैयार किया है. इस ड्रोन का नाम AI-पावर्ड स्ट्राइक ड्रोन V2U है.

ड्रोन की खास बात क्या?
रूस द्वारा तैयार किए गए इस नए ड्रोन की सबसे खास बात है कि ये खुद ही अपने टारगेट को पहचान कर उसे लॉक कर देता है, फिर उस पर धावा बोल देता है. इस ड्रोन की जानकारी यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने सार्वजनिक की है. यूक्रेन तो ये भी का दावा कर चुका है कि रूस हर महीने लंबी दूरी वाले 5 हजार ड्रोन क्रिएट कर रहा है.

चीनी पार्ट्स से बना रूसी ड्रोन
यूक्रेनी इंटेलिजेंस एजेंसी GUR की मानें तो रूस द्वारा बनाए गए AI-पावर्ड स्ट्राइक ड्रोन V2U के लिए चीनी Leetop A203 मिनी-PC का उपयोग किया है. ये अमेरिका की NVIDIA Jetson Orin चिप पर संचालित होता है. यूक्रेन ने ये भी दावा किया कि इस ड्रोन के अधिकतर पार्ट्स चीनी हैं. 

दुश्मन को ऐसे करता है टारगेट
दरअसल, इस ड्रोन में पहले से कुछ तस्वीरें सेव होती हैं, फिर ये जमीन को कैमरे के जरिये पूरी तरह ट्रैक करता हैं. यहां से प्राप्त हुईं तस्वीरों को पहले से सेव इमेज से मिलान करता है, जब ये मैच हो जाती हैं, तब यह ड्रोन अटैक कर देता है. 

रूस की ड्रोन शक्ति चीनी पर टिकी हुई 
यूक्रेन का कहना है कि रूसी ड्रोन शक्ति पूरी तरह से चीन पर डिपेंड करती है. डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि ऐसा है, तो ये भारत के लिए भी चिंता की बात हो सकती है. चीन आधुनिक तकनीकों से लैस ड्रोन बना रहा है, तो भारत को भी सतर्क होना चाहिए.

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