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इंडियन एयरफोर्स को 'वज्र' बनाएगा रूस, Su-57E और 'भूत' ड्रोन का दिया कॉम्बो ऑफर; जानें पूरा डिटेल्स

Su-57E and Okhotnik B drone: रूस न केवल भारतीय वायुसेना को पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट Su-57E देना चाहता है, बल्कि इसके साथ घातक ड्रोन का कॉम्बो ऑफर दिया है. जिससे इंडियन एयरफोर्स की मारक क्षमता दोगुनी हो जाएगी.

इंडियन एयरफोर्स को 'वज्र' बनाएगा रूस,  Su-57E और 'भूत' ड्रोन का दिया कॉम्बो ऑफर; जानें पूरा डिटेल्स
  • रूस ने दिया 5वीं पीढ़ी फाइटर जेट का कॉम्बो ऑफर
  • Su-57E फाइटर जेट के साथ ओखोटनिक-B ड्रोन

Russia offer Su-57E and Okhotnik B drone India: भारत अपनी हवाई ताकत व डिफेंस क्षमता को दिन-ब-दिन बढ़ाती जा रही है. वहीं, सीमाओं पर बदलते समीकरण को देखते हुए 5वीं पीढ़ी हासिल करने का भी मन बना चुकी है. ऐसे में, रूस ने एक बड़ा ऑफर दिया है. रूस ने IAF को अपना पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर Su-57E और साथ में सुखोई का S-70 ओखोटनिक-B अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल ड्रोन देने की पेशकश की है. आइए जानते हैं क्या है ये खास पेशकश और क्यों है ये भारत के लिए गेम चेंजर.

क्या है यह घातक कॉम्बो?
Su-57E रूस के Su-57 फेलॉन स्टील्थ फाइटर का एक्सपोर्ट वेरिएंट है. यह एक ट्विन-इंजन, मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट है जिसे हवाई श्रेष्ठता, सटीक हमलों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें एडवांस स्टील्थ टेक्नोलॉजी, सुपरक्रूज क्षमता और AESA रडार जैसी खूबियां हैं.

वहीं, भारतीय वायुसेना पहले से ही रूस से बने विमानों का एक बड़ा बेड़ा संचालित करती है, जिसमें 272 Su-30MKI फाइटर जेट शामिल हैं. ऐसे में Su-57E भारत के मॉडर्नाइजेशन प्लानिंग के लिए एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है.

साथ ही, S-70 ओखोटनिक-B सुखोई द्वारा विकसित एक भारी UCAV यानी अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल है, जिसे आमतौर पर 'भूत' ड्रोन भी कहा जाता है. यह Su-57E के साथ मिलकर हाई-रिस्क मिशन को अंजाम देने के लिए बनाया गया है.

ओखोटनिक-B फ्लाइंग-विंग डिजाइन पर आधारित है और इसमें कंपोजिट मटेरियल और स्टील्थ कोटिंग्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसका रडार क्रॉस-सेक्शन बहुत कम हो जाता है. इसका वजन लगभग 20 टन है और विंगस्पैन करीब 20 मीटर लंबा है.

LAC और LoC पर बढ़ेगी भारत की ताकत
अगर भारत यह ऑफर स्वीकार करता है, तो यह MUM-T कॉन्सेप्ट यानी Man-Unmanned Teaming Concept ऑपरेशन को काफी हद तक बढ़ा देगा. बता दें, इसमें Su-57E एक कमांड-एंड-कंट्रोल नोड के रूप में कार्य करेगा, जबकि ओखोटनिक-B टोही करेगा या लक्ष्यों पर हमला करेगा.

यह तालमेल भारत के ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए एकदम परफेक्ट है. खासकर, चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और पाकिस्तान के साथ लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के आसपास बढ़ते खतरों को देखते हुए. 

ओखोटनिक-B की स्टील्थ और पेलोड क्षमता, चीन के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम या पाकिस्तान की तुर्की के डिफेंस सिस्टम को बेअसर कर सकती है, जिससे भारत की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.

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