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एक ऐसा किलर ड्रोन जिसने यूक्रेन से युद्ध में तबाह किए NATO के हथियार, क्या मिला भारत को खरीदने का ऑफर?

Lancet-E Loitering Munition System: लैंसेट वास्तविक युद्ध परिदृश्यों में अपने असाधारण प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. एजेंसी का अनुमान है कि सिस्टम की निर्यात क्षमता 1,000 इकाइयों से अधिक है, जो इसे वैश्विक बाजार में ड्रोन जैसे हथियारों के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में पेश करती है.

एक ऐसा किलर ड्रोन जिसने यूक्रेन से युद्ध में तबाह किए NATO के हथियार, क्या मिला भारत को खरीदने का ऑफर?

Russia killer drone: रूस ने एयरो इंडिया 2025 अंतर्राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रदर्शनी में पहली बार लैंसेट-ई लोइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम प्रदर्शित किया गया. यह सिस्टम यूक्रेन में रूसी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली लैंसेट सीरीज का एक्सपोट किया गया वर्जन है, जिसे रूस के सरकारी हथियार निर्यातक रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboronexport) द्वारा तैयार किया गया.

रूसी सरकारी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनी में प्रोडक्ट 52-ई निर्देशित युद्धक पोत, प्रोडक्ट 51-ई और जेड-16-ई टोही ड्रोन प्रदर्शित किए गए हैं, जो मिलकर लैंसेट-ई सिस्टम का निर्माण करते हैं.

इस सिस्टम को पहली बार घरेलू स्तर पर आर्मी 2024 इंटरनेशनल मिलिट्री-टेक्निकल फोरम में देखा गया था और बाकू में ADEX 2024 में इसका अंतरराष्ट्रीय डेब्यू हुआ.

युद्ध में बेहद खतरनाक
रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने कहा कि लैंसेट वास्तविक युद्ध परिदृश्यों में अपने असाधारण प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. एजेंसी का अनुमान है कि सिस्टम की निर्यात क्षमता 1,000 इकाइयों से अधिक है, जो इसे वैश्विक बाजार में ड्रोन जैसे हथियारों के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में पेश करती है.

पिछले साल, रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखीव ने बताया कि कंपनी विदेशी ग्राहकों के साथ लाइसेंस उत्पादन और प्रौद्योगिकी साझेदारी के लिए खुली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने भारत को ये खतरनाक ड्रोन खरीदने का ऑफर दिया है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर कंपनी ने भारत कौ लैंसेट-ई की पेशकश की है, इसकी कोई पुष्टी नहीं हुई है, लेकिन एरो इंडिया में इसको पेश करना भारतीय बाजार में रूसी कंपनी की रुचि को दिखाता है.

मिखीव ने पहले कहा था, 'एक बार रूसी सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी हो जाने के बाद, हमारे पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिस्टम की आपूर्ति करने की उत्पादन क्षमता होगी.'

NATO पर कड़ा प्रहार
फरवरी 2022 में युद्ध की शुरुआत के बाद से लैंसेट-3 युद्ध के सबसे लोकप्रिय हथियार के रूप में उभरा है, जिसने नाटो की लगभग 45 प्रतिशत तोपखाने प्रणालियों को नष्ट कर दिया है.

इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से काउंटर-बैटरी युद्ध के लिए किया गया है. जिसमें दर्जनों M777s हल्के वजन वाले हॉवित्जर, पोलिश KRAB सेल्फ-प्रोपेल्ड गन (SPG), दुश्मन के रडार और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) बैटरियों और छोटी यूक्रेनी नौसैनिक नौकाओं को निशाना बनाकर खत्म कर दिया गया.

लैंसेट ड्रोन द्वारा नष्ट किए गए लक्ष्यों की सूची में कई उच्च-मूल्य वाले पश्चिमी से आपूर्ति किए गए सैन्य युद्धक टैंक भी शामिल रहे.

भारत का ड्रोन क्षमताओं का विस्तार
भारत हाल के वर्षों में अपनी ड्रोन क्षमताओं का विस्तार कर रहा है, जिसमें सटीक हमलों के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन हासिल करना भी शामिल है. बता दें कि एयरो इंडिया 2025 में रूस की भागीदारी में इसकी दस से अधिक सबसे बड़ी रक्षा कंपनियां शामिल हैं, जो सामूहिक रूप से भारत के साथ अपने व्यापक रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में 500 से अधिक सैन्य उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं.

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नितिन अरोड़ा

लिखने के शौकीन हैं, पिछले 6 सालों से अधिक समय से मीडिया के कई अलग-अलग संस्थानों में काम कर चुके हैं और फिलहाल Zee News की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं. यहां जनरल न्यूज व नेशनल, इंटरनेशनल खबरों पर एक्सप... और पढ़ें

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