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रूस-यूक्रेन की जंग रुकने पर पक्की हो गई थी बात, मगर पुतिन का 'दिल मांगे मोर'!

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को रोकने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. ऐसे में दोनों ने ब्लैक सी सीजफायर पर भी सहमति जता दी थी, लेकिन अब पुतिन ने युद्धविराम को लेकर कुछ शर्तें रख दी हैं, जिस पर यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया भी आ गई है.

रूस-यूक्रेन की जंग रुकने पर पक्की हो गई थी बात, मगर पुतिन का 'दिल मांगे मोर'!
  • पुतिन की शर्तों ने बिगाड़ा मामला!
  • EU ने भी रख दी अपनी डिमांड

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ऐलान किया था कि यूक्रेन और रूस ने आखिरकार काला सागर सीजफायर के लिए सहमति दिखाई है. इस घोषणा के बाद उम्मीद की जा रही थी कि अब शायद रूस-यूक्रेन के युद्ध का अंत करीब आ गया है. हालांकि, अब इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अड़ंगा लगा दिया है. उन्होंने का है कि ये सीजफायर सिर्फ तभी हो सकता है जब रूस पर लगाए गए प्रतिबंध हटा दिए जाए. ऐसे में सवाल ये उठने लगे कि रूस के इस मांग पर यूरोपीय देश की क्या प्रतिक्रिया होगी.

अब पुतिन की इस शर्त को लेकर बुधवार को यूरोपीय संघ ने साफतौर पर कह दिया कि ये बैन रूस से तब तक नहीं हटाए जाएंगे, जब तक रूस पूरी तरह अपनी सेना को यूक्रेन से बिना किसी शर्त के वापस नहीं बुला लेता.

पुतिन ने रखी मांग
रूसी राष्ट्रपति पुतिन चाहते हैं कि उन पर लगे प्रतिबंध हटाए जाएं. उन्होंने अपनी यह मांग सऊदी अरब में हुई अमेरिकी अधिकारियों संग बैठक के दौरान भी रखी थी, जिसमें काला सागर में युद्धविराम (सीजफायर) की बात की गई थी. रूस ने कहा कि वह इस सीजफायर के लिए तब सहमत होगा, जब पश्चिमी देश उसके कृषि निर्यात पर लगे बैंक को हटा दें. रूस ने खासतौर पर अपने सरकारी बैंक रॉसेल खोज बैंक पर लगे बैन को हटाने पर जोर दिया है. दरअसल, 2022 में EU ने रूस को SWIFT (इंटरनेशनल बैंकिंग सिस्टम) से हटा दिया था.

यूरोपीय संघ का जवाब
पुतिन की इस मांग पर EU की प्रवक्ता अनिता हिपर का कहना है कि अगर रूस अपनी पूरी सेना यूक्रेन से बिना किसी शर्त के हटाता है तब ही इनके प्रतिबंधों में कोई बदलाव या राहत दी जा सकती है. इसके अलावा हिपर ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ, सऊदी अरब में हुई बातचीत में शामिल नहीं था, हालांकि, इसके नतीजों पर उन्होंने गौर किया है.

हिपर ने अपनी बात पूरी करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने पर दबाव डाला है. उन्होनों खासतौर पर जोर देते हुए कहा कि रूस को अपनी गैरकानूनी जंग को खत्म करने की सच्ची इच्छा दिखाने की जरूरत है. ऐसे में EU अमेरिका और यूक्रेन सहित अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर आगे समर्थन करने के लिए तैयार है.

ट्रंप का बयान
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी करते हुए काला सागर सीजफायर योजना पर चर्चा की थी. हालांकि, इस दौरान उन्होंने रूस पर लगे प्रतिबंध हटाने जैसे कोई बात नहीं की थी. अमेरिका ने इस दौरान कहा कि इस योजना के कारण रूस के कृषि निर्यात को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में फिर से पहुंच हासिल हो पाएगी.

EU ने लगाए रूस पर कई बार प्रतिबंध
गौरतलब है कि 2022 में जब से रूस ने यूक्रेन पर हमले किए हैं तब से EU ने रूस पर कई बार प्रतिबंध लगाए हैं. रूस और उसके सहयोगी बेलारूस से आने वाले कृषि उत्पादों पर टैरिफ लगाया गया, जिसके कारण रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाया जा सके. हालांकि, इस दौरान भी EU ने इस चीज को लेकर सावधानी बरती है कि इन प्रतिबंधों से अंतर्राष्ट्रीय अनाज बाजार पर बुरा असर न पड़े और अफ्रीका-एशिया में फूड सिक्योरिटी का खतरा न हो पाए. हिपर ने साफ किया कि EU के प्रतिबंध का उद्देश्य कभी रूस या अफ्रीका और एशिया जैसे देशों के बीच अनाज के व्यापार को निशाना बनाना नहीं है.

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