Russia Black Sea Importance: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध हाल-फिलहाल में थमता नजर नहीं आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दखल के बाद ये लगा था कि गिनती के दिनों में वे दोनों देशों के बीच चल रही जंग पर ब्रेक लगा देंगे. लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फिलहाल सीजफायर के लिए तैयार नहीं हैं. रूसी सेना लगातार यूक्रेन पर हमलावर है. इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बताया है कि रूस जंग क्यों नहीं रोक रहा है?
जेलेंस्की बोले- रूस के लिए काला सागर सैन्य मंच
कीव इंडिपेंडेंट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की ने कहा- रूस की यह मंशा है कि वह काला सागर से हमारे शहरों और बंदरगाहों पर हमले करने की अपनी क्षमता को बनाए रखे. यही कारण है कि वह बिना शर्त युद्धविराम को स्वीकार नहीं कर रहा. रूस की काला सागर को एक सैन्य मंच के रूप में इस्तेमाल किया कर रहा है, जिससे वह यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों पर हमले कर रहा है. हाल के हमलों में काला सागर से दागी गई मिसाइलें शामिल थीं, जो रूस की इस रणनीति का सबूत देती हैं.
आरोप- पुतिन ताकत लगाकर युद्ध बढ़ाना चाह रहे
जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध को समाप्त करने के बजाय इसे अधिक ताकत के साथ बढ़ाने में लगे हुए हैं. मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निवेदन करता हूं कि मॉस्को पर दबाव बढ़ाया जाए. यदि युद्धविराम होता है, तो यह बिना शर्त होना चाहिए. ऐसा युद्धविराम हो, जो जीवन को नष्ट करने की अनुमति न दे. रूस लगातार कूटनीति को तोड़-मरोड़ रहा है और शांति की दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रहा.
काला सागर कैसे बना पुतिन के लिए 'हथियार'?
1. अमेरिका ने 25 मार्च को घोषणा करते हुए कहा- रूस और यूक्रेन के बीच काला सागर में बल प्रयोग को खत्म करने के लिए एक समझौता करवाया है. इस समझौते का मकसद काला सागर में जहाजों को सुरक्षित करना और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना था. यूक्रेन ने इस समझौते की शर्तों पर तुरंत हामी भर दी. लेकिन रूस ने इसे लागू करने से पहले कई शर्तें रख दीं. पुतिन ने कहा कि वह इस समझौते को तभी स्वीकार करेंगे, जब पश्चिमी देश रूस पर लगे कुछ प्रतिबंधों को हटाएं. वे काला सागर को के हथियार के रूप में इस्तेमाल
2. काला सागर रूस के लिए एक अहम सैन्य मंच बन चुका है. यहां से रूसी नौसेना मिसाइल हमले कर सकती है,. काला सागर में रूस का सेवस्तोपोल नौसैनिक अड्डा भी है, जो क्रीमिया में स्थित है. इस क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए रखने से रूस यूक्रेन के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों पर दबाव बनाए रख सकता है. युद्धविराम होने पर यह सैन्य लाभ कमजोर पड़ सकता है.
3. काला सागर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए जरूरी रास्ता है. यह रूस को भूमध्य सागर और उससे आगे यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका तक का रास्ता देता है. रूस अनाज, तेल और अन्य सामानों इसी रास्ते से निर्यात करता है. युद्ध रुकते ही यहां रूस का कंट्रोल कम हो सकता है.
4. 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, जो काला सागर में स्थित है. काला सागर में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने से पुतिन क्रीमिया पर अपने दावे को सुरक्षित रखते हैं. युद्धविराम से क्रीमिया पर रूस का दबदबा कमजोर पड़ने का खतरा हो सकता है.
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