China Vs Taiwan News: भारत और पाकिस्तान के हालिया संघर्ष में चीन और तुर्की के हथियार बुरी तरह फेल हुए. भारत के एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर एयर डिफेंस सिस्टम ने ऐसी ताकत दिखाई कि चीनी हथियार दो भी नहीं गिन पाए. यही कारण है कि दुनिया का भारतीय हथियारों पर भरोसा बढ़ रहा है. तमाम देश भारत की शक्ति का लोहा मान चुके हैं, खासकर चीन की मिसाइलें गिराने के बाद. अब चीन का कट्टर दुश्मन ताइवान भी भारत से हथियार खरीदना चाहता है.
ताइवान भारत से क्या खरीदना चाह रहा?
आईडीआरडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान भारत के स्वदेशी रूप से विकसित ड्रोन डिटेक्ट, डिटर एंड डिस्ट्रॉय 'D4 एंटी-ड्रोन' सिस्टम को खरीदना चाहता है. यह सिस्टम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-DRDO, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड-BEL और जेन टेक्नोलॉजीज ने बनाया है. यह भारत का पहला स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम है. ये 360 डिग्री कवरेज देता है, यानी हर दिशा से आने वाले ड्रोन नेस्तनाबूद कर देता है.
ताइवान को क्यों चाहिए D4 एंटी-ड्रोन सिस्टम?
चीन बीते कुछ समय से ताइवान के हवाई अड्डों और समुद्री इलाके के आसपास ड्रोन भेजकर वहां की जासूसी कर रहा है. ताइवान को डर है कि चीन उसकी रेकी कर उस पर खतरनाक हमला कर सकता है. ऐसे में ड्रैगन के ड्रोन नष्ट करने के लिए ताइवान को एक मजबूत प्रणाली की जरूरत है, जो भारत के पास है. ताइवान की रुचि भारत के 30 किलोवाट लेजर-बेस्ड DEW में भी है, जो डी4 सिस्टम का ही हिस्सा है.
D4 एंटी-ड्रोन सिस्टम में क्या खासियत?
D4 एंटी-ड्रोन सिस्टम 3 किमी के एरिया में दुश्मन को ट्रैक कर सकता है. ये दो मोड में काम करता है, हार्ड किल और सॉफ्ट किल. हार्ड किल मोड में ये दुश्मन के ड्रोन को लेजर बीम से नष्ट कर देता है. सॉफ्ट किल मोड में ये दुश्मन के ड्रोन को नीचे गिरा सकता है, या लेजर बीम से उसका नेविगेशन बिगाड़ सकता है. इससे ऑपरेटर से इसका कनेक्ट टूट जाता है.