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क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत तो नहीं? फिर भिड़े दो पड़ोसी देश, F-16 तैनात, 10 से ज्यादा लोगों की मौत

Thailand-Cambodia War like situation: थाईलैंड और कंबोडिया में बॉर्डर को लेकर तनाव रहता है. अब जहां ये लड़ाई बेहद तनावपूर्ण होती जा रही है. थाई सेना के अनुसार, लड़ाई सुबह लगभग 7:35 बजे शुरू हुई जब Ta Muen मंदिर की सुरक्षा में तैनात सैनिकों ने क्षेत्र में एक कंबोडियाई ड्रोन देखा. साथ ही दोनों देशों के अपने अलग-अलग दावें हैं. इस बीच कई लोगों की मौत हो चुकी है.

क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत तो नहीं? फिर भिड़े दो पड़ोसी देश, F-16 तैनात, 10 से ज्यादा लोगों की मौत

Thailand-Cambodia Border Clash: ये कहना गलत नहीं होगा कि तीसरा विश्व युद्ध भड़क सकता है. दुनिया में तनाव बढ़ता जा रहा है. रूस-यूक्रेन में तो कई सालों से जंग चल रही है. दूसरी ओर इजरायल-हमास, इजरायल-ईरान और साथ ही हाल में अमेरिका का जंग में प्रवेश, ये सब दिखाता है कि कैसे हथियारों को चलन तेज होता जा रहा है और लाखों लोगों की मौत हो रही है. साथ ही यह दौर दो अलग-अलग दलों में भी बदल सकता है, जहां एक बड़ी जंग शुरू हो सकती है. हाल ही में भारत-पाक के बीच भी तनाव चरम पर पहुंच गया था. इस बीच दो और पड़ोसी देश थाईलैंड और कंबोडिया में जंग जैसे हालात बन गए हैं. 

थाईलैंड और कंबोडिया अपनी साझा सीमा के एक लंबे समय से विवादित हिस्से को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सशस्त्र संघर्ष में उलझ गए हैं. ताजा हिंसा गुरुवार सुबह थाईलैंड के सुरिन प्रांत और कंबोडिया के ओद्दार मीनचे के बीच सीमा पर स्थित दो प्राचीन मंदिरों के पास भड़की. कंबोडिया ने अब इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग की है और थाईलैंड को एक 'युद्ध-आकांक्षी' राष्ट्र बताया है.

थाई सेना के अनुसार, सुबह लगभग 7:35 बजे लड़ाई शुरू हुई जब Ta Muen मंदिर की सुरक्षा में तैनात सैनिकों ने इलाके में एक कंबोडियाई ड्रोन देखा. इसके तुरंत बाद, छह हथियारबंद कंबोडियाई सैनिक, जिनमें से एक के पास  रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड था, एक थाई सैन्य चौकी के पास कंटीले तारों की बाड़ के पास पहुंचे. थाई सेना का दावा है कि कंबोडियाई सैनिकों ने गोलीबारी शुरू की, जो देखते ही देखते बढ़ गई.

थाई पक्ष ने कंबोडिया पर 'नागरिकों पर लक्षित हमला' करने का आरोप लगाया. कंबोडियाई सैनिकों की गोलीबारी में 12 थाई लोगों की मौत हो गई है. वहीं, एक दर्जन से अधिक घायल बताए जा रहे हैं. 

थाईलैंड का जवाब
जहां थाईलैंड ने जवाब देते हुए कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए. थाईलैंड ने F-16 फाइटर जेट भी सीमा पर तैनात किया है. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि कंबोडिया ने एक F-16 मार गिराया. हालांकि, Zee Bharat इस बात की पुष्टि नहीं करता है.

दोनों देश एक दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगा रहे हैं, जहां कंबोडिया के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि थाई सैनिकों ने सुबह गोलीबारी की. वहीं, थाई सेना ने कहा कि कंबोडिया ने पहले ड्रोन से हमला किया, फिर तोप और लंबी दूरी के BM21 रॉकेटों से हमला बोला.

कंबोडिया क्या बोला?
रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेता ने कहा, 'थाई सेना ने देश के संप्रभु क्षेत्र की रक्षा के लिए तैनात कंबोडियाई सेना पर सशस्त्र हमला करके कंबोडिया साम्राज्य की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया.' उन्होंने आगे कहा कि कंबोडियाई सेना ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, आत्मरक्षा में थाई घुसपैठ को विफल करने और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की.

दोनों देशों में विवाद की वजह?
यह झड़प एमराल्ड ट्रायंगल (Emerald Triangle) को लेकर दशकों से चल रहे विवाद में नए तनाव से जुड़ी है. यह भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है जहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएँ मिलती हैं. यह क्षेत्र कई प्राचीन मंदिरों का घर है और यहां कई बार झड़पें हुई हैं, खासकर 15 साल पहले और इस साल 28 मई में, जब एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया.

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का इतिहास 118 साल पुराना है. Preah Vihear मंदिर और आसपास के क्षेत्रों को लेकर झगड़ा है, जिसका मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी जा चुका है और इसे कंबोडिया का बताया. जिसे थाईलैंड ने भी स्वीकार किया, लेकिन आसपास की जमीन पर विवाद हमेशा से चला आ रहा है. यह विवाद उतना पुराना है, जब कंबोडिया फ्रांस से अधीन था और उस वक्त मैप में Preah Vihear ऐतिहासिक मंदिर को कंबोडिया के हिस्से में दिखाया था. तब 1907 में दोनों देशों में 817 किमी की लंबी सीमा रेखा खींची गई.

2008 में भी मामला तब दोनों देशों में बिगड़ गया, जब कंबोडिया ने मंदिर को हेरिटेज साइट में शामिल कराने पर काम शुरू किया. वह इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में कराना चाहता था. मंदिर को मान्यता मिलने पर दोनों देशों की सेनाओं में फिर झड़प हो गई. 2011 में हालात और बिगड़ गए जब कई हजारों लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा. तब भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दोनों देशों को विवादित क्षेत्र से सैनिक हटाने का आदेश दिया.

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