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ब्राजील ने 'आकाश' को रोका, तो तुर्की ने चलाया 'झूठा एजेंडा'; डील को लेकर गलत रिपोर्टिंग का असली सच क्या है?

India Brazil missile deal: तुर्की की एक रूढ़िवादी वेबसाइट ने हाल ही में भारत के आकाश एयर डिफेंस सिस्टम पर निशाना साधा है. वेबसाइट ने दावा किया कि दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील द्वारा इसकी खरीद के लिए बातचीत रोकने के बाद यह सिस्टम ब्राजील में फ्लॉप हो गया. जबकि सच कुछ और है.

ब्राजील ने 'आकाश' को रोका, तो तुर्की ने चलाया 'झूठा एजेंडा'; डील को लेकर गलत रिपोर्टिंग का असली सच क्या है?
  • तुर्की ने 'आकाश' को लेकर चलाया झूठा एजेंडा
  • भारत ने ब्राजील को ऑफर किया था 'आकाश'

Turkey on India Brazil missile deal: भारत की बढ़ती सैन्य व हथियार ताकत, तुर्की को हजम नहीं हो रही है. भारत द्वारा ग्रीस, साइप्रस व आर्मेनिया को ब्रह्मोस मिसाइल ऑफर करने के बाद, तुर्की की बौखलाहट साफ दिख रही है. हाल ही में भारत-ब्राजील के बीच आकाश डिफेंस सिस्टम डील को लेकर बातचीत में रुकावट आई. जिसको लेकर, तुर्की की एक रूढ़िवादी वेबसाइट TRHaber ने अपनी रिपोर्ट में झूठा दावा किया गया कि 'आकाश' को ब्राजील ने ‘बेहद पुराना’ होने के कारण खारिज कर दिया था. आइए जानते हैं इस गलत रिपोर्ट के पीछे की पूरी कहानी क्या है.

भारत का मजबूत डिफेंस सिस्टम 'आकाश' मिसाइल
आकाश मिसाइल. एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. जिसे DRDO ने विकसित किया है और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है.

जिसकी मारक क्षमता 4.5 किमी से 25 किमी तक है, और यह 100 मीटर से 20 किमी की ऊंचाई पर हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट और UAVs ड्रोन जैसे हवाई खतरों को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है.

आर्मेनिया की ताकत बढ़ा रहा 'आकाश'
इसकी सबसे बड़ी खासियत कमांड, बिल्ट-इन इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स और विभिन्न इलाकों में आसानी से तैनाती है. यह भारत की हवाई रक्षा क्षमताओं की आधारशिला रहा है और इंडियन एयरफोर्स और आर्मी के साथ पूरी तरह से काम कर रहा है.

यही वजह है कि आर्मेनिया ने इसे भारत से 720 मिलियन डॉलर की डील के साथ अपने सैन्य खेमे में शामिल किया है. जिसकी तुर्की से तनातनी रहती है.

तुर्की मीडिया ने चलाया झूठा एजेंडा
TRHaber की रिपोर्ट ने 'आकाश' को अप्रभावी बताते हुए गलत तरीके से पेश किया, और एजेंडे के तहत ब्राजील के लिए अपने Hisar A+ औरHisar O+ एयर डिफेंस सिस्टम को विकल्प के रूप में पेश किया.

बता दें, TRHaber की छवि तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सत्तारूढ़ पार्टी के एजेंडा चलाने के लिए जानी जाती है. इतना ही नहीं, यह पाकिस्तान समर्थक रूख और भारत के आर्मेनिया की सामयिक आलोचना के लिए जानी जाती है.

ब्राजील द्वारा आकाश डील रोकने असली वजह
तुर्की मीडिया ने आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम के सफल ट्रैक रिकॉर्ड को अनदेखा कर दिया. बता दें, सूत्रों से पता चला है कि ब्राजील का निर्णय भारत द्वारा 'आकाश' का एक पुराना वर्जन पेश करने के कारण हुआ था.

इस पुराने वर्जन में एडवांस सीकर टेक्नोलॉजी और नए वर्जन केअपग्रेड की कमी थी, जिसे इजरायली भागीदारों के सहयोग से विकसित किया गया था. यही वजह रही कि ब्राजील ने इस डील से रूख मोड़ा, जिसको लेकर भारत लगातार संपर्क साधे हुआ है, और एडवांस वर्जन ऑफर करने की तैयारी में जुट चुका है.

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