नई दिल्ली: यूक्रेन संकट और रूस के बढ़ते खतरे के बीच अब यूरोप ने अपनी सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. दरअसल, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने रविवार को साफतौर पर कह दिया है कि यूरोप को जल्द ही अपनी रक्षा क्षमता बढ़ानी होगी और ऐसे में फिर से हथियारबंद होने की जरूरत है. उर्सुला का यह बयान उस वक्ता आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने नाटो की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
6 मार्च को होगा EU शिखर सम्मेलन
लंदन में हाल ही में हुई यूरोपीय नेताओं की आपात बैठक के दौरान उर्सुला ने कहा कि वह 6 मार्च को होने वाले EU शिखर सम्मेलन में व्यापक योजना पेश करेंगी, जिसमें यूरोप की रक्षा क्षमताओं को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने दो टूक कहा, ‘अब वक्ता आ चुका है कि हम रक्षा खर्च में तेजी से इजाफा करें और खराब स्थिति के लिए तैयार रहें.’
ट्रंप के बयान से मची खलबली
बता दें कि हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर यूरोपीय देशों ने अपने रक्षा खर्च में इजाफा नहीं किया, तो अमेरिका अब उन्हें सुरक्षा की गारंटी नहीं देगा. ट्रंप के इस बयान के कारण नाटो की स्थिरता को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ने लगी हैं. ऐसे में अब यूरोपीय नेताओं को ऐसा लगने लगा है कि ट्रंप के इस तरह के बर्ताव की वजह से रूस को आक्रामक होने के संकेत मिल सकते हैं. इसी वजह से यूरोप अब खुद को अमेरिका पर निर्भर रखने की बजाय अपनी सुरक्षा को खुद ही मजबूत करने की कोशिश में जुट गया है. उर्सुला का कहना है, 'हम अमेरिका संग मिलकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें इस बात के लिए भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी देश अपने पड़ोसी पर आक्रमण न कर पाए.
एलन मस्क की भी अप्रत्यक्ष भूमिका
इस पूरे मामले में स्पेसएक्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क की भी अप्रत्यक्ष भूमिका दिखी है. यूक्रेन युद्ध में मस्क की कंपनी स्टारलिंक पहले ही अहम भूमिका निभा चुकी है, लेकिन हाल में मस्क ने भी नाटो की अमेरिकी फंडिंग रोकने की बात की है. इतना ही नहीं वह कुछ दिन पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि उनकी तकनीक को सैन्य उद्देश्यों के लिए अनियंत्रित तरीके से उपयोग में नहीं लाया जा सकता. इस कारण पश्चिमी देशों में इस बात को लेकर बहस छिड़ चुकी है कि क्या रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों पर ज्यादा निर्भर होना सुरक्षित है.
अमेरिका की ओर घटेगी निर्भरता
यूरोपीय संघ अब अमेरिका पर निर्भरता घटाने और अपने सैन्य बजट को बढ़ाने की दिशा में तेजी से बढ़ने लगा है. उर्सुला के बयान स्पष्ट संकेत मिलता है कि आने वाले समय में यूरोप अपनी सुरक्षा नीतियों में बड़े बदलाव कर सकता है.
यूरोपीय संघ कर रहे विचार
ट्रंप की नीतियों पर जवाब देते हुए अब यूरोपीय संघ सामूहिक रक्षा को प्राथमिकता देने और नाटो से अलग अपनी स्वतंत्र सुरक्षा रणनीति बनाने पर विचार कर रहा है. यह रणनीति केवल रूस को रोकने के लिए ही नहीं, बल्कि भविष्य में किसी भी तरह की अमेरिकी राजनीतिक अस्थिरता से बचने के लिए भी महत्वपूर्ण होगी. नाटो इस वक्त दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है. एक ओर रूस का बढ़ता हुआ खतरा दिख रहा है, तो वह दूसरी तरफ ट्रंप का अप्रत्याशित रुख.
आत्मनिर्भर बनेंगे यूरोपीय देश
राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ट्रंप ने कई बार ऐसे बड़े फैसले लिए जिनसे वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल मच चुकी है. ऐसे में यूरोपीय नेताओं ने अब अपनी सुरक्षा को लेकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कमर कस ली है. इसके चलते आने वाले वक्त में यूरोप का रक्षा बजट बढ़ाए जा सकता है और नाटो से इतर नई सुरक्षा व्यवस्थाएं उभर कर सामने आ सकती हैं. उर्सुला वॉन डेर लेयन का बयान इसी दिशा में पहला बड़ा कदम माना जा रहा है.
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