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अमेरिका की ये मिसाइल चकनाचूर करेगी चीन का सपना, भारत की तैयारी जानकर भी चौंक जाएगा ड्रैगन!

Chinese missiles news: चीन 400 किमी रेंज वाली PL-17 व PL-21 मिसाइलें विकसित कर रहा है. हालांकि, उसका लंबी दूरी की मिसाइलों में अकेले दबदबे का सपना अमेरिका और भारत की तैयारियों से टूट रहा है. अमेरिका AIM-260 JATM मिसाइल बना रहा है. इसे F-22, F-35 और F-15EX में इंटीग्रेट किया जाएगा. भारत भी रूस से एक घातक मिसाइल खरीदने वाला है.

अमेरिका की ये मिसाइल चकनाचूर करेगी चीन का सपना, भारत की तैयारी जानकर भी चौंक जाएगा ड्रैगन!
  • AIM-260 मिसाइल बना रहा अमेरिका
  • चीन की PL-17 और PL-21 से निपटेगी

Chinese missiles news: चीन ने PL-15 मिसाइल का तो सफल टेस्ट कर लिया है. अब वह लॉन्ग रेंज मिसाइलों पर काम कर रहा है. चीन PL-17 और PL-21 मिसाइलों को तेजी से बना रहा है. इनकी रेंज 400 किमी के आसपास होने वाली है. चीन ने ये सपना देखा था कि लंबी दूरी वाली ऐसी मिसाइलें सिर्फ उसके पास होंगी, लेकिन सपना हकीकत में बदलता उससे पहले ही चकनाचूर होते नजर आ रहा है. अमेरिका और भारत ने चीन को क चुनौती देने की तैयारी कर ली है.

अमेरिका बना रहा ये  लॉन्ग रेंज मिसाइल
दरअसल, अमेरिका ने चीन की मिसाइल शक्ति को टक्कर देने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है. अब अमेरिका खुद एक लॉन्ग रेंज वाली मिसाइल को विकसित कर रहा है. अमेरिका की एयरफोर्स और नेवी ने लॉन्ग रेंज की AIM-260 JATM (Joint Advanced Tactical Missile) को विकसित करने के लिए मोटा पैसा जारी किया है. चीन की PL-17 और PL-21 मिसाइल के मुकाबले में अमेरिका ये मिसाइल खड़ी करने वाला है.

इन जेट्स से हो सकेगी लैस
अमेरिका द्वारा बनाई जा रही AIM-260 मिसाइल पहले की  AIM-120 AMRAAM को रिप्लेस करेगी. नई मिसाइल में रामजेट या डुअल-पल्स रॉकेट मोटर, टू-वे डाटा लिंक और ईसीएम प्रतिरोधी सिस्टम लैस होंगे. इसे सबसे पहले तो F-22 रैप्टर के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा, इसके बाद F-35 और F-15EX जैसे लड़ाकू विमानों में लगाया जाएगा. 

भारत रूस से खरीद सकता है ये मिसाइल
चीन की लॉन्ग रेंज मिसाइल से मुकाबला करने के लिए भारत भी विकल्प तलाश रहा है. भारत रूस की R-37M मिसाइल खरीदने पर विचार कर रहा है, जिसकी रेंज 150-400 किलोमीटर तक है. पहले ये कहा गया की यह मिसाइल MiG-31 के लिए ही बनी है. मगर अब इसे Su-30MKI, Su-35S, और Su-57 जैसे फाइटर जेट्स से भी जोड़ा जा सकता है. भारत ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इसके लोकल निर्माण की संभावनाएं देख रहा है. इस पर बात बनती है तो भारत रूस से R-37M मिसाइल की डील को लॉक कर सकता है.

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