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Explainer: ट्रंप का शुरू किया हुआ टैरिफ वॉर क्या है, भारत के 'कॉमन मैन' पर कैसे असर पड़ेगा?

What is Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान कर दिया है कि अमेरिका 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू कर देगा. इससे पूरी दुनिया में एक ट्रेड वॉर या टैरिफ वॉर की शुरुआत हो चुकी है. आइए, जानते हैं कि इस टैरिफ वॉर से भारत की जनता पर क्या असर पड़ने वाला है?

Explainer: ट्रंप का शुरू किया हुआ टैरिफ वॉर क्या है, भारत के 'कॉमन मैन' पर कैसे असर पड़ेगा?
  • 2 अप्रैल से जवाबी टैरिफ लागू
  • भारत पर पड़ेगा सबसे अधिक असर

What is Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया को एक से एक झटके दिए हैं. वह पूरी तरह से 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर काम कर रहे हैं. अब उन्होंने ऐलान कर दिया है कि 2 अप्रैल, 2025 से अमेरिका 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लगाएगा. इसका मतलब है कि अमेरिका उन देशों से आयात पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे देश अमेरिकी सामानों पर लगाते हैं. भारत को 'टैरिफ किंग' बता चुके ट्रंप के इस फैसले का प्रभाव भी सबसे अधिक इंडिया पर ही पड़ने वाला है. दुनिया में इसे टैरिफ वॉर का आगाज बताया जा रहा है.

टैरिफ क्या है? (What is Tariff?)
टैरिफ एक प्रकार का टैक्स है, जो सरकार आयात (Import) या निर्यात (Export) होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाती है. इसका मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना या सरकारी राजस्व (खजाने) बढ़ाना होता है. टैरिफ को आमतौर पर प्रतिशत (%) के रूप लगाया जाता है, जो सामान की कीमत या मात्रा पर के आधार पर होता है. विदेश से आने वाली वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगता है, तो विदेशी सामान महंगा हो जाता है. इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलता है. मिसाल के तौर पर भारत में X नाम की कंपनी विदेश से 100 रुपये का सामान आयात करती है. अब सरकार ने इस पर 20% का आयात टैरिफ लगाया है, तो कंपनी को 20 रुपये अतिरिक्त टैरिफ के रूप में चुकाने होंगे, जिससे सामान की कुल लागत 120 रुपये हो जाएगी. इससे कंपनी का महंगा सामान कम बिकेगा, उनका फायदा कम होगा और जिस देश की कंपनी है उसकी अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ेगा.

टैरिफ वॉर क्या है? (What is Tariff War?)
टैरिफ वॉर तब होता है जब दो या इससे अधिक देश एक-दूसरे के आयातित सामानों (Imported Goods) पर ऊंचा टैक्स (टैरिफ) लगाते हैं, इससे व्यापार में तनाव बढ़ता है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब एक देश टैरिफ बढ़ाता है, तो दूसरा देश जवाब में अपना टैरिफ बढ़ा सकता है, जिससे 'ट्रेड वॉर' या 'टैरिफ वॉर' शुरू हो जाता है. अमेरिका ने ऐसा ही किया है, भारत ने जितना टैरिफ अमेरिका पर लगा रखा था, अब अमेरिका ने जवाब में उतना ही टैरिफ भारत पर लगा दिया.

टैरिफ वॉर से भारत के आम आदमी पर क्या असर?
महंगाई बढ़ सकती है: भारत से अमेरिका को कई चीजें निर्यात होती हैं, जैसे फार्मास्यूटिकल्स (दवाइयां), टेक्सटाइल (कपड़े), गहने, और ऑटोमोबाइल पार्ट्स. इन पर भारी टैरिफ लगाता है, तो भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ेगी. कंपनियां ये बोझ भारतीय उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं, जिससे रोजमर्रा की चीजें जैसे- दवाइयां, कपड़े, और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स महंगे हो सकते हैं.  

नौकरियों पर खतरा: भारत के कई उद्योग, जैसे- आईटी, टेक्सटाइल, और मैन्युफैक्चरिंग अमेरिकी मार्केट पर टिके हुए हैं. अब इन उद्योगों का कारोबार घट सकता है, जिससे कई छोटी-बड़ी कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं.  

किसानों की आय घट सकती है: भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था कृषि पर टिकी हुई है. यदि अमेरिका भारतीय कृषि उत्पादों जैसे- चावल, मसाले, गेहूं, बाजरे आदि पर टैरिफ बढ़ाता है, तो किसानों की आय घट सकती है.

आंकड़ों में समझें कितना नुकसान होगा?
सिटी रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि भारत पर जवाबी टैरिफ लगने पर 61 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो सकता है. इसका सीधा असर भारत की GDP पर पड़ेगा. देश की GDP को सालाना 0.60 फीसदी का नुकसान हो सकता है. अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों में 120 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ. टैरिफ वॉर से यह रिश्ता कमजोर हो सकता है, इससे लंबे समय में आर्थिक नुकसान होगा.

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