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ये है दुनिया का सबसे महंगा वॉरशिप, कीमत इतनी कि 6 साल तक भीख नहीं मांगेगा पाकिस्तान

अमेरिका का फोर्ड क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर दुनिया का सबसे महंगा युद्धपोत है, जिसकी लागत 13 बिलियन डॉलर से भी अधिक है. यह परमाणु ऊर्जा से संचालित होता है और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है. इसकी लंबाई, ताकत और विशेष फीचर्स इसे बाकी सभी पोतों से अलग बनाते हैं.

ये है दुनिया का सबसे महंगा वॉरशिप, कीमत इतनी कि 6 साल तक भीख नहीं मांगेगा पाकिस्तान
  • अमेरिका का फोर्ड क्लास अब तक का सबसे महंगा एयरक्राफ्ट कैरियर है
  • इसमें अत्याधुनिक तकनीक और परमाणु ऊर्जा का उपयोग किया गया है

दुनिया में कई ताकतवर देशों के पास एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिन्हें समुद्री ताकत का एक अहम हिस्सा माना जाता है. इनमें से सबसे महंगा और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत एयरक्राफ्ट कैरियर, अमेरिकी नेवी का फोर्ड क्लास है. इसकी लागत लगभग 13 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है, जो इसे दुनिया का सबसे महंगा एयरक्राफ्ट कैरियर बनाती है. चलिए जानते हैं कि फोर्ड क्लास क्या है, इसकी खासियत और यह इतना महंगा क्यों है.

अमेरिकी फोर्ड क्लास क्या है?
फोर्ड क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर, अमेरिकी नौसेना की लेटेस्ट और सबसे उन्नत पीढ़ी का कैरियर है. इसका नाम अमेरिका के 38वें राष्ट्रपति, Gerald R. Ford के नाम पर रखा गया है. यह न केवल तकनीकी रूप से बेहतर है, बल्कि पहले के जहाजों की तुलना में इसे ज्यादा प्रभावशाली, मजबूत और सक्षम बनाया गया है. फोर्ड क्लास कैरियर की सबसे पहली शिप, USS Gerald R. Ford (CVN-78), 2017 में लॉन्च हुई थी. इसकी लंबाई लगभग 337 मीटर (लगभग तीन फुटबॉल मैदान जितनी) और वजन करीब 100,000 टन है. इसे परमाणु ऊर्जा से चलाया जाता है, इसलिए यह बिना रिफ्यूलिंग के कई साल तक समुद्र में रह सकता है.

फोर्ड क्लास की खासियतें

परमाणु ऊर्जा से संचालित: फोर्ड क्लास कैरियर में दो परमाणु रिएक्टर लगे होते हैं, जो इसे बेहद शक्तिशाली और लंबे समय तक चलने वाला बनाते हैं. ये रिएक्टर पारंपरिक जहाजों की तुलना में ज्यादा ऊर्जा उत्पादन करते हैं.

बेहतर उड़ान प्रणाली: इस कैरियर में एक नई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटपल्ट सिस्टम (EMALS) लगी है, जो विमान को उतारने और भेजने में दूसरे सिस्टम से बेहतर है. इससे विमानों का संचालन ज्यादा तेज, सुरक्षित और प्रभावशाली होता है.

स्वचालन और तकनीक: फोर्ड क्लास में ज्यादा ऑटोमेशन है, जिससे चालक दल की संख्या कम होती है और ऑपरेशन में भी एफिशिएंसी बढ़ती है. साथ ही, इसमें अत्याधुनिक रडार, सेंसर और हथियार प्रणाली लगी है, जो इसे दुश्मनों से बचाने में मदद करती है.

क्यों इतना महंगा है फोर्ड क्लास?
फोर्ड क्लास की कुल लागत लगभग 13 बिलियन डॉलर यानी लगभग 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. इसकी इतनी भारी कीमत के पीछे कई कारण हैं.

तकनीकी उन्नति: इस कैरियर में इस्तेमाल की गई नई तकनीकें बेहद महंगी हैं, जैसे परमाणु रिएक्टर, EMALS कैटपल्ट, और अत्याधुनिक हथियार.

रिसर्च एंड डेवलपमेंट खर्च: इसे बनाने से पहले कई सालों तक भारी रिसर्च और डिजाइनिंग की गई, जिसमें अरबों डॉलर खर्च हुए.

सामग्री और निर्माण: कैरियर को बनाने में बहुत मजबूत और हाई क्वालिटी वाले सामान का इस्तेमाल होता है, जो काफी महंगा होता है.

लंबी अवधि की सेवा: फोर्ड क्लास को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह कई दशकों तक चल सके, जिससे इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है.

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