Who is Pakistani Taliban: पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में हुए एक आत्मघाती हमले में कई सैनिकों की मौत हो गई और भारी संख्या में लोग घायल हो गए, जिनमें नागरिक, स्थानीय सरकारी अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल हैं.
एएफपी के अनुसार, पाकिस्तानी तालिबान द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में 16 सैनिक मारे गए और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने कहा, 'एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सैन्य काफिले में घुसा दिया.'
जिले में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने एएफपी को बताया, 'विस्फोट के कारण दो घरों की छतें भी गिर गईं, जिससे छह बच्चे घायल हो गए.'
इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर सशस्त्र समूह के आत्मघाती हमलावर विंग ने ली है, जो पाकिस्तानी तालिबान का एक गुट है.
2021 में काबुल में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे अपने क्षेत्रों में हिंसा में तेजी देखी है. इस्लामाबाद ने अपने पश्चिमी पड़ोसी पर पाकिस्तान के खिलाफ हमलों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का आरोप लगाया है, यह एक ऐसा दावा है जिसे तालिबान नकारता है.
AFP की एक गणना के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान दोनों में सरकार से लड़ने वाले सशस्त्र समूहों द्वारा वर्ष की शुरुआत से अब तक लगभग 290 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर सुरक्षा अधिकारी हैं.
BLA थी एक मुसीबत, दूसरी भी खूंखार हुई
इस हमले की जिम्मेदारी जिस विंग ने ली है, वो पाकिस्तानी तालिबान से संबद्ध एक गुट है. पाकिस्तानी तालिबान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, या टीटीपी के नाम से भी जाना जाता है.
पाकिस्तानी तालिबान (TTP) और उससे जुड़े कई गुटों को खास तौर पर जमातुल अहरार (JUA), तहरीक-ए-तालिबान गजवा-ए-हिंद (TTG), जिसे हाफिज गुलबहादुर ग्रुप (HGBG) और तहरीक लश्कर-ए-इस्लाम (LI) के नाम से भी जाना जाता है.
पाकिस्तानी तालिबान खुद को दुनिया का सबसे बड़ा जिहादी मोर्चा कहता है, जो नियमित रूप से होने वाले हमलों और हताहतों की उच्च संख्या से पता चलता है.
यह दुनिया की सबसे अच्छी तरह से सुसज्जित और शक्तिशाली सेनाओं में से एक है.
यह संगठन प्रसिद्ध शांति कार्यकर्ता मलाला Yousufzai पर हमले, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर बम विस्फोट के प्रयास के लिए जिम्मेदार था.
यह समूह अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, क्योंकि इसका हालिया पुनरुत्थान पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में गिरावट का प्रमुख कारण बन गया है, जिससे गंभीर टकराव की संभावना पैदा हो गई है. 2021 में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तानी तालिबान को अधिक ताकत और संसाधन प्राप्त हुए हैं. इसके द्वारा आए दिन पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर दी जाती है.
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