trendingNow1zeeHindustan2862132
Hindi news >> Zee Hindustan>> ग्लोबल नजरिया
Advertisement

भारत पर अमेरिका आखिर क्यों लगाता है टैरिफ? जानें ट्रंप ने क्यों लगाया 25% का शुल्क और इसकी पूरी ABCD

Donald Trump's tariffs on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का एलान किया है. जिसका सीधा असर भारतीय कृषि निर्यात पर पड़ेगा. हालांकि, भारत अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाने की वजह छोटे व्यापार की रक्षा के हित में मानता है. 

भारत पर अमेरिका आखिर क्यों लगाता है टैरिफ? जानें ट्रंप ने क्यों लगाया 25% का शुल्क और इसकी पूरी ABCD
  • ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का किया एलान
  • भारत ने कहा- कृषि हित के लगाती है ज्यादा टैरिफ

Donald Trump's tariffs on India: भारत-अमेरिका, दोनों ही देशों के बीच सलाना कई बिलियन डॉलर का व्यापार होता है. हालांकि, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल ट्रूथ के जरिए, भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगा. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों बीच एक बड़े व्यापार समझौते को लेकर कई दौर की बातचीत चल रही थी, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. आखिर अमेरिका भारत पर टैरिफ क्यों लगाता है? इसकी पूरी गुणा-गणित समझने के लिए हमें व्यापार, कूटनीति और वैश्विक समीकरणों के कई पहलुओं को देखना होगा. तो चलिए आसान भाषा में पूरा माजरा समझते हैं.

क्या होता है टैरिफ?
टैरिफ एक तरह का आयात शुल्क होता है, जिसे कोई देश दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाता है. इससे आयातित सामान महंगा हो जाता है और उस देश में बने उत्पादों को कंपटीशन में फायदा मिलता है. वहीं, अमेरिका का मानना है कि भारत अपने घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाता है और कुछ Non-Tariff Barriers यानी गैर-शुल्कीय बाधाएं भी खड़ी करता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में घुसने में दिक्कत होती है.

आखिर अमेरिका को क्या दिक्कत है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने के पीछे कई कारण हैं.
हाई भारतीय टैरिफ और व्यापार घाटा- अमेरिका का लंबे समय से आरोप रहा है कि भारत अपने कई उत्पादों पर काफी ज्यादा आयात शुल्क लगाता है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत का टैरिफ सिस्टम दुनिया के सबसे 'कठिन' और 'अनुचित' में से एक है.

अमेरिका यह भी चाहता है कि भारत अपने बाजार को अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए और ज्यादा खोले, जिन पर भारत ऊंचे टैरिफ लगाता है. आसान भाषा में कहें तो अमेरिका चाहता है, अमेरिका जिन उत्पादों को भारत से खरीदता है, उस पर बेहद ज्यादा टैरिफ लगाता है. वहीं भारत का कहना है वह किसानों व छोटे व्यापारियों के हित के लिए टैरिफ लगाता है.

रूस के साथ भारत के मजबूत संबंध- हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल और सैन्य उपकरण खरीदने को लेकर अमेरिका ने अपनी नाराजगी जताई है. अमेरिका चाहता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों का सम्मान करे और रूस से तेल व हथियार न खरीदे. ऐसे में, टैरिफ को इस संदर्भ में एक दबाव बनाने की नीति के रूप में भी देखा जा रहा है.

बता दें, भारत ने रूस से डील के तहत S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, हथियार व पेट्रोलियम जैसे प्रोडक्ट्स खरीदे हैं. हालांकि, रूस-भारत के बीच व्यापारिक संबंध बेहद पुराने रहे हैं. भारत इसे अपनी कुटनीति और मजबूत संबंध के लिए जरूरी मानता है.

ये भी पढ़ें- तुर्की में तबाही लाएगा भारत का 'प्रलय'? एर्दोगन के कट्टर दुश्मन ने देखा 'दहशत' वाला ट्रेलर; अब डिफेंस डील की तैयारी

हालिया घटनाक्रम का भारत पर क्या होगा असर?
अभी जो 25% टैरिफ लगाया गया है, वह 1 अगस्त 2025 से लागू होगा. इससे भारतीय वस्तुओं और सेवाओं का अमेरिका में निर्यात करना महंगा हो जाएगा. जब भारतीय सामान महंगा होगा, तो अमेरिकी बाजार में उसकी मांग भी घटेगी.

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस नए टैरिफ से भारत के कपड़ा और फुटवियर, जेम्स और ज्वैलरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स पर काफी असर पड़ेगा. अमेरिका भारत से इन उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक है. अनुमान है कि इससे भारत के निर्यात में सालाना 2 से 7 अरब डॉलर तक की गिरावट आ सकती है.

दूसरी ओर हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते को इस संदर्भ में एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि भारत केवल अमेरिकी बाजार पर निर्भर नहीं रहना चाहता. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप अपने फैसले से पीछे हटते हैं या भारत को अलग रास्ता अख्तियार करता है.

टैरिफ का गेम पहले भी खेला गया था
अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ का यह खेल नया नहीं है. ट्रंप प्रशासन ने अपने पहले कार्यकाल में भी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत कई देशों पर टैरिफ लगाए थे.  जिसमें भारत भी शामिल था.

दरअसल, 2019 में अमेरिका ने भारत का 'जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज' (GSP) स्टेटस खत्म कर दिया था. GSP के तहत, भारत को अमेरिका को कुछ उत्पादों के निर्यात पर शुल्क में छूट मिलती थी, जिससे भारतीय निर्यातकों को फायदा होता था. यह स्टेटस खत्म होने से भारतीय उत्पादों पर अमेरिकी बाजार में लागत बढ़ गई थी.

इतना ही नहीं, साल 2018 में अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए स्टील पर 25% और एल्यूमीनियम पर 10% का वैश्विक टैरिफ लगाया था, जिसका असर भारतीय निर्यात पर भी पड़ा था. भारत ने इसके जवाब में अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ भी लगाए थे.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More