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रूस-यूक्रेन की शांति की राह में रोड़ा, जेलेंस्की ने लगाए पुतिन पर बड़े आरोप

रूस और यूक्रेन के युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका ने एक प्रस्ताव रखा था. हालांकि, इस पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऐसी प्रतिक्रिया आई कि तनाव और बढ़ता हुआ नजर आने लगा.

रूस-यूक्रेन की शांति की राह में रोड़ा, जेलेंस्की ने लगाए पुतिन पर बड़े आरोप
  • पुतिन ने रखी थी शर्तें
  • जेलेंस्की ने की निंदा

नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका ने एक युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अस्पष्ट प्रतिक्रिया से तनाव बढ़ गया. पुतिन ने इस पर कुछ शर्तें भी रख दी. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में पुतिन के जवाब को 'चालाकी भरे शब्द' बताते हुए निंदा की है. मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा शहर में यूक्रेन, अमेरिका और सऊदी अधिकारियों के बीच 8 घंटे से ज्यादा की बातचीत हुई. इसके बाद यूक्रेन ने इस युद्ध विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. 

कुछ मुद्दे साफ करना जरूरी

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने क्रेमलिन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे सैद्धांतिक रूप से इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं, लेकिन कुछ मुद्दों को साफ करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि युद्ध विराम ऐसा होना चाहिए जो लंबे समय तक शांति लाए और इस संकट के मूल कारणों को खत्म करे. दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पुतिन की बातों को चालाकी भरा बताते हुए कहा कि रूस हमेशा चीजों को जटिल बनाता है और शर्तें रखता है, जबकि यूक्रेन ऐसा नहीं करता.

ट्रंप से डर रहे हैं पुतिन

जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि पुतिन असल में इस प्रस्ताव को ठुकराने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन वे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से सीधे यह कहने से डरते हैं कि वे युद्ध को जारी रखना चाहते हैं. पुतिन ने कहा कि वे शत्रुता खत्म करने के विचार से सहमत हैं और इसका समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने जोर दिया कि युद्ध विराम से पहले कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाना होगा. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को इस पहल के लिए धन्यवाद भी दिया.

2022 में शुरू हुआ था हमला

गौरतलब है कि फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला शुरू किया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच युद्ध चल रहा है. इस युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और कई शहर तबाह हो गए हैं. अमेरिका और सऊदी अरब की मदद से दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हुई, ताकि शांति स्थापित हो सके, लेकिन पुतिन की अस्पष्ट प्रतिक्रिया ने इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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