रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जंग जारी है. जिसे रोकने के लिए तमाम कोशिशें की गईं. ट्रंप ने भी सत्ता संभालते ही बतौर पीसमेकर के रूप में जंग रोकने की कवायद की. हालांकि, अभी तक एक भी कोशिश सफल नहीं हो पाई. ऐसे में उन्होंने फिर से एक अजीबोगरीब शांति प्रस्ताव रखा है. जिसके चलते पूरे यूक्रेन में हलचल मच गई है. बता दें, ट्रंप ने हाल ही में एक शांति प्रस्ताव रखा, जिसमें क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानने की बात कही गई. इस प्रस्ताव को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और उनके सहयोगियों ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है.
विशेषज्ञों के अनुसार, क्रीमिया को रूस को सौंपना यूक्रेनी संविधान और राष्ट्रीय जनमत संग्रह के बिना असंभव है और ऐसा करना राजद्रोह के दायरे में आ सकता है. ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब यूक्रेन रूस के कब्जे वाले इलाकों को लेकर संघर्ष कर रहा है.
ट्रंप ने रखा अजीबोगरीब प्रस्ताव
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Time मैगजीन को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि ‘क्रीमिया हमेशा से रूस के साथ रहा है’ और यूक्रेन को इसे स्वीकार कर लेना चाहिए. ट्रंप ने यूक्रेन पर युद्ध लंबा खींचने का भी आरोप लगाया और कहा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की को शांति वार्ता में लचीलापन दिखाना चाहिए.
ट्रंप के इस बयान ने यूक्रेन में हड़कंप मचा दिया है. यूक्रेनी सांसदों और अधिकारियों ने इसे यूक्रेन की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है. उन्होंने कहा कि ट्रंप का प्रस्ताव यूक्रेन की ऐतिहासिक लड़ाई और सैनिकों के बलिदान का अपमान है.
क्रीमिया रूस को सौंपने के लिए कहा
ट्रंप के प्रस्ताव के मुताबिक, अमेरिका को क्रीमिया को रूस का हिस्सा औपचारिक रूप से मान्यता देनी चाहिए. एक वरिष्ठ यूरोपीय अधिकारी के अनुसार, ट्रंप की योजना रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों को भी चुपचाप स्वीकार करने की है.
हालांकि, यूक्रेनी विशेषज्ञों का कहना है कि क्रीमिया को सौंपना न केवल असंवैधानिक होगा, बल्कि इसके लिए पूरे देश में जनमत संग्रह कराना पड़ेगा. अगर ऐसा कोई कदम उठाया गया तो इसे राजद्रोह माना जा सकता है, जिससे जेलेंस्की और उनकी सरकार पर कानूनी कार्रवाई संभव है.
प्रस्ताव को लेकर जेलेंस्की की दो टूक
राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ‘यूक्रेन कभी भी अपने क्षेत्रों को औपचारिक रूप से नहीं छोड़ेगा.’ उन्होंने साफ किया कि युद्धविराम के बाद भी कोई भी जमीन सौंपने का सवाल नहीं उठता.
जेलेंस्की ने मार्च में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा था कि कानूनी रूप से यूक्रेन किसी भी क्षेत्र को खोने को मान्यता नहीं देगा. उन्होंने इसे ‘हमारे लिए सबसे कठिन सवाल’ और ‘एक बड़ी चुनौती’ बताया था. यूक्रेनी फौज और आम जनता भी इस मुद्दे पर एकजुट हैं.
क्या है क्रीमिया की वर्तमान स्थिति?
क्रीमिया को रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था. जो काला सागर के किनारे स्थित एक रणनीतिक प्रायद्वीप है. हाल के वर्षों में हुए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि यूक्रेनी जनता मानती है कि कुछ जमीन को अस्थायी तौर पर खोना पड़ सकता है, लेकिन वे इसे स्थायी रूप से छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं. सैनिकों और नागरिकों का मानना है कि एक दिन क्रीमिया और अन्य क्षेत्र फिर से यूक्रेन का हिस्सा बनेंगे.
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