Kangana Ranaut Emergency Movie: कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' अपनी निर्धारित रिलीज तिथि 6 सितंबर से चूक गई है. शिरोमणि अकाली दल सहित सिख संगठनों की आपत्तियों और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को प्रमाण पत्र जारी करने से पहले इन आपत्तियों पर विचार करने के निर्देश के बाद बॉम्बे उच्च न्यायालय ने इसके प्रमाणन के लिए तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला ने टिप्पणी की कि यदि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का निर्देश न होता तो वे सीबीएफसी को 'आज' ही फिल्म को प्रमाणित करने का निर्देश दे देते. यह मामला तब सामने आया जब सिख समूहों ने दावा किया कि फिल्म उनके समुदाय को गलत तरीके से पेश करती है और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है, जिससे विवाद पैदा हो गया.
फिल्म के निर्माता ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बॉम्बे हाईकोर्ट से तत्काल प्रमाणन की मांग की, जिसमें तर्क दिया गया कि सीबीएफसी ने प्रमाणपत्र तैयार कर लिया था, लेकिन संभावित अशांति के कारण इसे जारी करने में हिचकिचाहट हुई. अदालत ने माना कि न्यायिक औचित्य उन्हें एक अन्य हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने से रोकता है, और सीबीएफसी को 18 सितंबर तक आपत्तियों का समाधान करने का निर्देश दिया.
आपत्तियां क्या हैं?
सिख धार्मिक संस्थाओं का प्रबंधन करने वाली सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा है. उनका कहना है कि फिल्म में सिखों और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है. पिछले महीने फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के एक हफ्ते बाद अकाल तख्त और एसजीपीसी ने फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
'इमरजेंसी' क्या है?
मुख्य भूमिका में कंगना रनौत अभिनीत यह फिल्म 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल पर आधारित है. अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े और मिलिंद सोमन अभिनीत यह फिल्म 21 महीने की अवधि का एक नाटकीय चित्रण है जिसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला दौर माना जाता है. यह श्रीमती गांधी की हत्या और 1980 के दशक में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में खालिस्तान आंदोलन को भी छूती है. इस फिल्म की पटकथा सुश्री रनौत ने लिखी है और फिल्म का सह-निर्माण ज़ी स्टूडियो और अभिनेत्री की मणिकर्णिका फिल्म्स द्वारा किया गया है.