Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी मानसून आपदाओं ने भारी तबाही मचाई है. राज्य सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को बताया कि अब तक 109 लोगों की जान जा चुकी है और राज्य को ₹1,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. इनमें बादल फटने, भूस्खलन और भारी बारिश जैसी घटनाएं शामिल हैं.
शिमला में मीडिया से बातचीत में नेगी ने बताया कि बीते 28 दिनों में यह तबाही अभूतपूर्व रही है. उन्होंने कहा, "अब तक हुई 109 मौतों में से 64 की जान सीधे बारिश से जुड़ी घटनाओं में गई है, जैसे कि अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन. बाकी मौतें मुख्य रूप से इसी मानसून अवधि में हुई सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं."
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में 226 से अधिक सड़कें अब भी बंद हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग NH-707 भी शामिल है, जिसे भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा, 52 बिजली वितरण ट्रांसफॉर्मर क्षेत्र (DTRs) प्रभावित हुए हैं और 137 पेयजल योजनाएं भी बाधित हुई हैं.
मंडी जिले में कुछ स्थानों पर बचाव और राहत कार्य अस्थायी रूप से रोके गए हैं, क्योंकि वहां लापता लोगों के जीवित मिलने की संभावना अब बहुत कम मानी जा रही है. हालांकि, जहां उम्मीद है, वहां राहत कार्य जारी हैं.
नेगी ने कहा, "20 जून से अब तक 28 दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 64 लोगों की मौत हुई, जबकि करीब 45 लोगों की जान सड़क हादसों में गई. सड़कों, पेयजल योजनाओं, बिजली लाइनों, निजी संपत्ति, खेतों, बाग-बगिचों और घरों को मिला कर कुल नुकसान ₹1,000 करोड़ से ज्यादा आंका गया है."
मंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि मानसून अभी खत्म नहीं हुआ है और मौसम विभाग द्वारा लगातार भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किए जा रहे हैं. "सभी जिलों की आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह से अलर्ट पर हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं," उन्होंने बताया.
बहाली कार्यों पर बात करते हुए नेगी ने कहा कि मुख्य सड़कें अस्थायी रूप से बहाल कर दी गई हैं, जबकि लिंक रोड्स पर काम जारी है. उन्होंने कहा, "मशीनरी और जनशक्ति को तैनात किया गया है. स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं."
अंत में मंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा, "लोग मौसम विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करें. यदि कहीं यात्रा करनी हो तो पहले मौसम अलर्ट जरूर चेक करें."