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हिमाचल में 161 लोगों की मौत, 88 मौतें बारिश से संबंधित, 73 सड़क दुर्घटनाओं में: SDMA

SDMA के बयान में बताया गया, "बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, बादल फटना और बादलों के फटने से 88 लोगों की मौत हुई है, जबकि फिसलन भरी सड़कों और मलबे की वजह से हुए सड़क हादसों में 73 लोगों की जान गई है."

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हिमाचल में 161 लोगों की मौत, 88 मौतें बारिश से संबंधित, 73 सड़क दुर्घटनाओं में: SDMA
Raj Rani|Updated: Jul 28, 2025, 12:00 PM IST
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Himachal Monsoon: हिमाचल प्रदेश में जारी मानसून के प्रकोप ने अब तक 161 लोगों की जान ले ली है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बादल फटने और सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ गई हैं.

SDMA के बयान में बताया गया, "बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, बादल फटना और बादलों के फटने से 88 लोगों की मौत हुई है, जबकि फिसलन भरी सड़कों और मलबे की वजह से हुए सड़क हादसों में 73 लोगों की जान गई है."

20 जून से अब तक राज्य में 42 फ्लैश फ्लड, 25 बादल फटने की घटनाएं और 32 भूस्खलन हो चुके हैं, जिससे सड़कों, घरों और अन्य ढांचागत सुविधाओं को भारी नुकसान पहुंचा है. सबसे अधिक बारिश जनित मौतें मंडी जिले में हुई हैं, जहां 18 लोगों की जान गई. इसके बाद कांगड़ा में 17, कुल्लू में 10 और चंबा में 8 लोगों की मौत हुई है.

रिपोर्ट में बताया गया कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. अब तक ₹1,50,685 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान आंका गया है. 251 मकान पूरी तरह ढह गए हैं, जबकि 1,165 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है. कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है.

प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं. सड़क साफ करने का अभियान जारी है, राहत दल तैनात किए गए हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश राहत कार्यों में लगातार बाधा बन रही है.

हफ्ते की शुरुआत में SDMA ने जानकारी दी थी कि राज्य में 221 सड़कें, 36 बिजली ट्रांसफार्मर और 152 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. मौसम के इस कहर में अब तक कुल 153 लोगों की मौत की पुष्टि की गई थी, जिनमें 82 मौतें वर्षा जनित घटनाओं और 72 सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुईं.

मंडी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-70 अभी भी बंद है, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मंडी (144 सड़कें बंद), कुल्लू (48) और कांगड़ा (11) सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं. वहीं बिलासपुर, हमीरपुर, किन्नौर, सोलन और कुछ अन्य क्षेत्रों में कोई बड़ी बाधा सामने नहीं आई है.

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