Himachal Rain: हिमाचल प्रदेश में लगातार 19 घंटों से हो रही मूसलधार बारिश, बादल फटने की कई घटनाएं और अचानक आई बाढ़ ने कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है. हिमाचल प्रदेश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (HP‑SEOC) के अनुसार अब तक 5 लोगों की मौत, 16 लोग लापता और 332 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है.
सबसे ज्यादा असर मंडी ज़िले में
-सभी 5 मौतें और 16 लापता लोगों की घटनाएं मंडी में दर्ज हुईं.
-मंडी में 278 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया.
-गोहर के सियांज में बादल फटने से दो घर बह गए; 9 लोग लापता हैं.
-ओल्ड बाज़ार करसोग में बादल फटने से 1 मौत, 4 लोग लापता, 6 घर क्षतिग्रस्त.
-गोहर में भूस्खलन: 6 में से 4 लोगों को बचाया गया, 2 की खोज जारी.
राज्य‑भर में नुकसान का ब्योरा
-कुल 24 मकान और 12 गौशालाएँ क्षतिग्रस्त.
-30 मवेशियों की मौत (धर्मपुर की त्रियंबला पंचायत में ही 26).
-मंडी के पटीकारी में 16 मेगावाट का हाइड्रो प्रोजेक्ट बाढ़ से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त.
-बाली चौकी के पास मंगलौर पुल को नुक़सान।
-राष्ट्रीय राजमार्ग‑305 टनल‑11 और टनल‑13 पर अवरुद्ध; भीतर फंसे यात्रियों को खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है.
बचाव अभियान तेज
-मंडी में एनडीआरएफ‑एसडीआरएफ की चार टीमें (कर्सोग, गोहर, थुनाग) तैनात.
-हमीरपुर में 51, DIET मंडी से 29 छात्राओं और पंडोह बाज़ार से 100‑150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
-चंबा के हथली (सिहूंता) और किन्नौर के रक्कछम में भी रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा.
HP‑SEOC का बयान
“स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है. सभी विभाग तालमेल में काम कर रहे हैं. राहत शिविर लगाए गए हैं और प्रभावित परिवारों को मुआवज़ा दिया जा रहा है.”
मौसम पूर्वानुमान व केंद्र की पहल
केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शिमला में कहा कि क्षेत्र‑विशिष्ट और अधिक सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली पर काम जारी है.
स्वचालित मौसम केंद्रों (AWS) की संख्या बढ़ाई जाएगी.
गाँव‑स्तरीय पूर्वानुमान किसानों के बाद आपदा प्रबंधन क्षेत्र तक विस्तारित किया जाएगा.
सिंह ने स्वीकार किया कि पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की भविष्यवाणी अब भी एक वैज्ञानिक चुनौती है, पर डेटा‑संग्रह और अलर्ट प्रणाली में जल्द सुधार दिखेगा.