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शिमला में हुई SDMA की 9वीं बैठक, आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ और उत्तरदायी बनाने पर जोर

आज शिमला में आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की 9वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ज़ोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन प्रदेश के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौतियां हैं.

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शिमला में हुई SDMA की 9वीं बैठक, आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ और उत्तरदायी बनाने पर जोर
Raj Rani|Updated: Jul 07, 2025, 07:00 PM IST
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Shimla News: आज शिमला में आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की 9वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मैंने ज़ोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन प्रदेश के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं और इनके लिए ठोस नीतियों के साथ समन्वित प्रयास अत्यावश्यक हैं. यह मुद्दा हम पहले ही केंद्र सरकार के समक्ष गंभीरता से उठा चुके हैं.

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मॉनसून–2023 के दौरान हुई व्यापक क्षति के बाद प्रदेश में अब तक ₹1,260 करोड़ की राहत राशि वितरित की जा चुकी है, जबकि ₹138 करोड़ की अतिरिक्त सहायता ‘आपदा न्यूनीकरण कोष’ से स्वीकृत की गई है. इसके साथ‑साथ ₹891 करोड़ की जोखिम‑न्यूनीकरण परियोजना पर भी काम जारी है.

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बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान को डॉ. मनमोहन सिंह लोक प्रशासन संस्थान, शिमला में स्थापित किया जाएगा और अनुसंधान व नवाचार की ज़िम्मेदारी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) को सौंपी जाएगी. हमारा उद्देश्य प्रदेश की आपदा‑प्रतिक्रिया व्यवस्था को और अधिक मज़बूत, संगठित व उत्तरदायी बनाना है, ताकि किसी भी आपात‑स्थिति में नागरिकों को त्वरित और भरोसेमंद सहायता मिल सके.

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