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भानुपल्ली-बिलासपुर रेलवे टनल निर्माण से घरों में दरारें, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने किया स्थलीय निरीक्षण

हिमाचल के भानुपल्ली-बिलासपुर रेलवे प्रोजेक्ट की टनल संख्या-17 के निर्माण के दौरान की गई ब्लास्टिंग से गांव के कई घरों में दरारें पड़ने के मामले में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं का जायज़ा लिया.  

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भानुपल्ली-बिलासपुर रेलवे टनल निर्माण से घरों में दरारें, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने किया स्थलीय निरीक्षण
Raj Rani|Updated: Jul 09, 2025, 03:26 PM IST
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Bilaspur News(विजय भारद्वाज): सामरिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट भानुपल्ली-बिलासपुर रेलवे लाइन की टनल नंबर- 17 निर्माण के दौरान की गई ब्लास्टिंग से नोग व बध्यात गांव के कईं घरों में दरारें आने से नाराज ग्रामीणों द्वारा बीते 39 दिनों से टनल के समीप धरना दिया जा रहा है. जबकि बीते 26 दिनों से ग्रामीण क्रमिक अनशन पर भी बैठे हुए हैं. वहीं प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि उनका यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है. 

गौरतलब है कि रेलवे टनल निर्माण कर रही मैक्स कंपनी द्वारा ब्लास्टिंग के चलते नोग व बध्यात गांव में करीब 4 ऐसे घर हैं जिन्हें काफी नुकसान पहुंचा है जबकि 10 से 12 घर ऐसे हैं जिनमें दरारें लगातार बढ़ रही है. वहीं घरों की हालत हो देखते हुए प्रभावित ग्रामीणों ने टनल निर्माण कंपनी व प्रशासन से मांग की है कि जिन घरों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है उनके पुनर्निर्माण व जिन घरों में मरम्मत हो सकती हैं उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए ताकि बरसात के दौरान डर के साये में जीने को मजबूर ग्रामीणों की मदद हो सके. 

वहीं ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बिलासपुर दौरे के दौरान नोग व बध्यात गांव का भी दौरा कर टनल निर्माण के दौरान ब्लास्टिंग से घरों को हुए नुकसान का भी जायजा लिया है. इस दौरान उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार, पुलिस अधीक्षक संदीप धवल, जिला परिषद सदस्य गौरव शर्मा व आशीष भी मौजूद रहे. वहीं मंत्री राजेश धर्माणी ने टनल निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों व स्थानीय ग्रामीणों से इस बावत चर्चा भी की और ग्रामीणों की समस्या को दूर करने व घरों को पहुंचे नुकसान का आंकलन कर जल्द रिपोर्ट तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं. 

इस बात की जानकारी देते हुए मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि रेलवे टनल निर्माण को लेकर ब्लास्टिंग से पूर्व कांट्रेक्ट कंपनी द्वारा प्रशासन से अनुमति लेनी होती है, जो की कंपनी द्वारा नहीं ली गयी है और अवैध ब्लास्टिंग की गई है जिसका नतीजा है कि आस पास के सभी घरों में दरारें आयी हैं और वह असुरक्षित पाए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि टनल निर्माण के दौरान जितना भी मक के रूप में मिट्टी व पत्थर निकाला गया है उसे अवैध डंपिंग के जरिये नालों व खड्डों में डालकर उसे बंद करने का काम भी कंपनी द्वारा किया गया है और आने वाले समय में भारी बारिश के दौरान यह मक बहकर गोविंद सागर झील में जा पहूंचेगा जिससे झील को काफी नुकसान होगा. 

वहीं उन्होंने कहा कि अवैध डंपिंग मामले में वन विभाग द्वारा टनल निर्माण कंपनी को पहले भी नोटिस दिया गया था और उन्होंने भी इस संदर्भ में अधिकारियों द्वारा एक कमेटी का गठन कर जितना भी नुकसान हुआ है उसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार कर इसकी जिम्मेवारी कंपनी को ठहरा कर उनसे पैसे की रिकवरी की जाए. 

साथ ही मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि अवैध ब्लास्टिंग से घरों को हुए नुकसान के मद्देनजर उन्होंने उपायुक्त बिलासपुर को निर्देश दिए गए हैं कि इन घरों के पुनर्निर्माण हेतु विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए जिसमें जिन भी घरों को नुकसान पहुंचा हैं उन घरों की पूरी अनुमानित कीमत बनाई जाए ताकि घरों में दरारें आने व जमीन धसने की वजह से घरों के असुरक्षित होने की एवज में उनका पुनर्निर्माण किया जा सके और यह विस्तृत रिपोर्ट आरवीएनएल व कॉन्ट्रेक्टर मैक्स कंपनी को दिया जाए ताकि इन प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा मिल सके और कंपनी की लापरवाही के चलते यह लोग बेघर ना हो पाएं.

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