Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला की ग्राम पंचायत घुमारवीं में लंबे से समय ठप पड़े विकास कार्यों व पंचायत प्रतिनिधियों के आपसी विवाद के बाद उप प्रधान सहित पांचों वार्ड सदस्यों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. वहीं इस्तीफा देने का मुख्य कारण विकास कार्यों में राजनीतिक हस्क्षेप होना बताया जा रहा है. जिसके चलते विकास कार्य प्रभावित होने से नाराज घुमारवीं पंचायत के उप प्रधान किशोरी लाल शर्मा सहित पांच वार्ड सदस्यों जिनमें संजीवना कुमारी, पुष्पा देवी, शंकुतला देवी, बीना देवी, अश्वनी कुमार ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
उनके इस्तीफे के बाद घुमारवीं भाजपा मंडल ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग के नेतृत्व में पंचायतों में राजनीतिक हस्तक्षेप के खिलाफ पार्टी कार्यालय से खंड विकास अधिकारी कार्यालय तक विरोध रैली निकाली और बीडीओ के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग ने मामले की जानकारी देते हुए कहा की प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी पंचायतों में राजनीतिक दखल दे रहे हैं और भाजपा समर्थित पंचायत प्रतिनिधियों के क्षेत्रों में वीएक्स कार्यों को रोका जा रहा है. जिसके चलते घुमारवीं पंचायत के उप प्रधान सहित सभी वार्ड सदस्यों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित पंचायत प्रतिनिधियों के क्षेत्रों में विकास कार्य बंद कर उन्हें निष्क्रिय करने का काम मंत्री द्वारा किया जा रहा है. ताकि इसका फायदा पंचायतों के चुनावों में लिया जा सके जिसकी भाजपा कड़ी निंदा करती है.
साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने बीडीओ के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर यह मांग की है कि पंचायतों में हो रहे राजनीतिक हस्तक्षेप को बंद किया जाए ताकि विकास कार्य प्रभावित ना हो सके और पंचायत के चुने प्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में एक समान विकास करवा सके.
इसके साथ ही पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री द्वारा नलवाड़ी मेले के शुभारंभ के लिए चौपर का इस्तेमाल कर बिलासपुर आने जाने के मामले पर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग का कहना है कि एक तरफ प्रदेश की कांग्रेस सरकार खर्चे कम करने का दावा करती है, जिसके चलते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू बजट पेश करने के लिए आल्टो कार में आते हैं तो दूसरी तरफ सरकार के एक मंत्री मेले का शुभारंभ करने के लिए हेलीकॉप्टर से बिलासपुर आते है, जिससे साफ हो चला है की प्रदेश सरकार की करनी व कथनी में कितना अंतर है और सरकार केवल जनता को गुमराह करने के लिए खर्चे कम करने का ढोंग कर रही है.