Bilaspur News(विजय भारद्वाज): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार जहां प्रदेश में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का दावा करती है तो वहीं धरातल पर हकीकत कुछ और हो दिखाई पड़ रहा है. जी हां प्रदेश के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाए तो अगर अस्पतालों में चिकित्सक ही नहीं होंगे तो मरीज जाएं तो जाएं कहां. मामला बिलासपुर जिला के झंडूता ब्लॉक के तहत सिविल अस्पताल बरठीं का है जहाँ वर्तमान समय में एक भी चिकित्सक कार्यरत नहीं है.
बता दें की बीते दो वर्षों से एक मेडिकल ऑफिसर के सहारे चल रहा सिविल अस्पताल बरठीं अब बिना चिकित्सक के खाली व सुनसान दिखाई पड़ रहा है. अस्पताल में तैनात मेडिकल ऑफिसर की बतौर बीएमओ प्रमोशन के बाद उनकी ट्रांसफ़र होने पर अस्पताल में एक भी चिकित्सक नहीं है. गौरतलब है की सिविल अस्पताल बरठीं में मेडिकल ऑफिसर के 6 पद सृजित हैं और वर्तमान समय में सभी पद खाली चल रहे हैं.
वहीं इस अस्पताल में बरठीं व आसपास के इलाके से रोजाना 100 से अधिक ओपीडी देखने को मिलती है मगर चिकित्सक ना होने के कारण मरीजों को 40 से 50 किलोमीटर की दूरी तय कर जोनल अस्पताल बिलासपुर या फिर नागरिक अस्पताल घुमारवीं का रूख करना पड़ रहा है. वहीं स्थानीय लोगों कहना है कि झंडूता विधानसभा क्षेत्र सहित साथ लगते इलाकों से तकरीबन 25 पंचायतों के लोग अपने ईलाज के लिए सिविल अस्पताल बरठीं पर निर्भर हैं मगर अस्पताल में एक भी चिकित्सक ना होने के कारण मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
साथ ही स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सिविल अस्पताल बरठीं में जल्द ही खाली पड़े चिकित्सकों के पदों को भरा जाए ताकि मरीजों को ईलाज के लिए अन्य अस्पतालों पर निर्भर ना होना पड़े. वहीं इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर परविंदर सिंह ने कहा कि सिविल अस्पताल बरठीं में मेडिकल ऑफिसर के सभी 6 पद खाली चल रहे हैं और इस अस्पताल में रोजाना 150 से 200 ओपीडी देखने को मिलती है, ऐसे में मरीजों को असुविधा ना हो इसलिए आसपास के अलग-अलग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से चिकित्सक की ड्यूटी सिविल अस्पताल बरठीं में लगायी जा रही है मगर इससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी चिकित्सक का कार्य सफ़र हो रहा है.
साथ ही उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल बरठीं में मेडिकल ऑफिसर के खाली पड़े सभी पदों के संबंध में सरकार को अवगत करवा दिया गया है और उन्हें पूरी उम्मीद है की आने वाले समय में प्रदेश सरकार चिकित्सकों के जो 200 पद भरने जा रही है उन्ही में से कुछ चिकित्सकों की नियुक्ति सिविल अस्पताल बरठीं में की जाएगी व चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को हो रही परेशानी का भी हमेशा के लिए समाधान हो सकेगा.