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Bilaspur News: चैत्र नवरात्र मेलों तक बनकर तैयार हो जाएगा बाबा बालक नाथ का पौराणिक गरुणा झाड़ी मंदिर

Himachal News: बाबा बालक नाथ की तपोस्थली शहतलाई का पौराणिक गरुणा झाड़ी मंदिर चैत्र नवरात्र मेलों तक बनकर तैयार हो जाएगा. यह प्राचीन मंदिर युद्ध स्तर पर चला है प्राचीन मंदिर के जीर्णोधार का कार्य तो बाबा बालक नाथ के बाल रूप से संबंधित है.  

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Bilaspur News: चैत्र नवरात्र मेलों तक बनकर तैयार हो जाएगा बाबा बालक नाथ का पौराणिक गरुणा झाड़ी मंदिर
Raj Rani|Updated: Feb 12, 2025, 07:06 PM IST
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Himachal Pradesh/विजय भारद्वाज: देवभूमि हिमाचल प्रदेश अपनी संस्कृति व मठ मंदिरों के लिए देशभर में विख्यात है. वहीं प्रदेश में ऐसे अनेकों मंदिर स्थापित हैं जहाँ देशभर के श्रद्धालुओं की अपार आस्था देखने को मिलती है. इन्ही मंदिरों में से एक है बाबा बालक नाथ की तपोस्थली शाहतलाई का मशहूर पैराणिक गरूणा झाड़ी मंदिर जिसका निर्माण कार्य तेज गति से चला हुआ है.

बता दें की इस प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है ताकि मार्च महीने में शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र मेलों तक यह मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल सके. बिलासपुर जिला के झंडूता उपमंडल के शाहतलाई क्षेत्र में स्थित उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बालकनाथ मन्दिर के पौराणिक गरूणा झाड़ी मन्दिर का संबंध बाबा बालक नाथ जी के बाल स्वरूप से है. जहा हर साल देशभर से आने वाले श्रद्धालु पहले झंडूता के तलाई पहुंचकर इसी स्थान से यात्रा की शुरूआत करते हैं और फिर माता रत्नों लस्सी मन्दिर जाने के बाद हमीरपुर के चकमोह में स्थित बाबा बालक नाथ के दर्शन के साथ अपनी यात्रा को समाप्त करते हैं.

गरूणा झाड़ी मंदिर काफ़ी प्राचीन है और वर्तमान समय में इसकी स्थिति काफ़ी जर्जर हो चुकी थी, जिसके बाद मंदिर न्यास ने इसके जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करवाया गया है और दिल्ली से संबंध रखने वाले एक श्रद्धालु द्वारा मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा है जबकि यह कार्य मंदिर न्यास के सहायक अभियंता विजय ठाकुर की अध्यक्षता में करवाया जा रहा है.

वहीं जिस गति से मंदिर का निर्माण कार्य चला हुआ है उससे प्रतीत होता है कि यह निर्माण कार्य कुछ महिनों में ही समाप्त हो जाएगा और मंदिर को भव्य रूप दिया जाएगा. वहीं मंदिर न्यास के सहायक अभियंता विजय ठाकुर का कहना है कि यह मंदिर चैत्र नवरात्र मेलों तक बनकर तैयार हो जाएगा और इसे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया जाएगा.

 

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