Bilaspur News(विजय भारद्वाज): हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर सदर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर हुए जानलेवा हमले में शामिल चौथा शूटर आजतक पुलिस की गिरफ्त से दूर है, जिसको लेकर बंबर ठाकुर ने चिंता जाहिर की है. गौरतलब है कि 14 मार्च को होली के दिन अज्ञात हमलावरों द्वारा पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी जिसमें पूर्व विधायक सहित पीएसओ घायल हो गए थे.
24 राउंड चली फायरिंग के बाद चारों हमलावर फरार हो गए थे, जिसके बाद डीआईजी मंडी सेंट्रल रेंज सौम्या सांबशिवन के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था और एसआईटी टीम ने गोलीकांड में संलिप्त तीन शूटर्स सहित चार अन्य लोगों को जिनकी मामले में संलिप्तता पाई गई थी. उन्हें गिरफ्तार कर जिला न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से सभी आरोपियों को ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया था. वहीं गोलीकांड मामले को 2 महीने 14 दिन का समय बीत जाने के बावजूद भी चौथे शूटर को एसआईटी गिरफ्तार नहीं कर पाई है, साथ ही पूर्व विधायक के घर पर लगाई गई सुरक्षा टीम को भी हटा दिया गया है जिसको लेकर पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने नाराजगी जाहिर की है.
वहीं चौथे शूटर की जल्द गिरफ्तारी, पूर्व विधायक के घर पर सुरक्षाबल तैनात करने और चिट्टा तस्करों के साथ एक भाजपा विधायक व पुलिस अधिकारी की संलिप्तता को लेकर कॉल डिटेल खंगालने की मांग को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार के जरिये राष्ट्रपति, केंद्रीय गृह मंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है. इस बात की जानकारी देते हुए बिलासपुर से पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि उनपर हुए हमले में शामिल चौथे शूटर को पुलिस गिरफ्तार नहीं का पाई है बावजूद इसके उनके घर पर लगाई गई सुरक्षा को हटा दिया गया है.
साथ ही बंबर ठाकुर ने कहा कि आज भी उनपर व उनके परिवार पर जानलेवा हमले की आशंका बनी हुई है और फरार शूटर कभी भी उनपर हमला कर सकता है जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर उचित व्यवस्था की जानी चाहिए. साथ ही पूर्व विधायक ने कहा कि चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले को लेकर डीजीपी व एसपी के बीच चली जुबानी जंग से जहां यह साफ हो चला है कि चिट्टा तस्करों को संरक्षण देने वाले डीजीपी आफिस में बैठे हैं.
चिट्टा तस्करों के खिलाफ उन्होंने बिलासपुर में रैलियां की थी जिसका नतीजा है कि उनपर जानलेवा हमला हुआ है इसलिए उन्होंने राष्ट्रपति, केंद्रीय गृह मंत्री व राज्यपाल से मांग की है कि चिट्टा तस्करी में संलिप्त लोगों की कॉल डिटेल खंगाली जाए ताकि उन्हें संरक्षण देने वाले लोगों का पर्दाफाश हो सके और इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.