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Bilaspur: शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में शुरू हुआ श्रावण अष्टमी मेला

बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में सुबह की आरती के साथ श्रावण अष्टमी मेला शुरू हो गया है. देशभर से श्रद्धालुओं का मंदिर परिसर पहुंचने का सिलसिला हुआ शुरू तो मेले को प्रशासन व मंदिर न्यास की तैयारियां मुकम्मल.

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Bilaspur: शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में शुरू हुआ श्रावण अष्टमी मेला
Raj Rani|Updated: Jul 25, 2025, 12:26 PM IST
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Bilaspur News(विजय भारद्वाज): हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों पर आज से श्रावण अष्टमी मेले की शुरूआत हो गई है. वहीं बात करें बिलासपुर की ऊंची पहाड़ी पर स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर की तो सुबह की आरती, पूजा पाठ व मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत रूप से श्रावण अष्टमी मेला शुरू हो गया है. वहीं मेले की शुरुआत के साथ ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश सहित देशभर से श्रद्धालु मां नैनादेवी के दर्शनों के लिए माता रानी के दरबार में पहुंच रहे हैं. 

वहीं हिमाचल सरकार के दिशा निर्देशों पर जिला व पुलिस प्रशासन और मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पुख्ता बंदोबस्त कर लिए हैं व मंदिर परिसर को पूरी तरह रंग बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया गया है. वहीं श्रावण मेले को लेकर उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार और पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने भी मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया है. 

वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोलावाला टोबा से मंदिर परिसर को 9 सेक्टर में विभाजित किया गया है जहां 1200 पुलिसकर्मी, होमगार्ड के जवान और 300 वॉलंटियर्स की तैनाती की गई है व श्रद्धालुओं को छोटे-छोटे जत्थों में माँ नैनादेवी जी के दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है. 

गौरतलब है कि श्रावण अष्टमी मेला शुरू होते ही श्री नैनादेवी क्षेत्र में पंजाब व हरियाणा की समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा स्वादिष्ट भंडारों का भी आयोजन शुरू कर दिया गया है और मंदिर परिसर के आसपास करीब 42 लंगर लगाए गए हैं ताकि माता रानी के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को अलग-अलग तरह के निशुल्क स्वादिष्ट पकवान दिए जा सकें और उनकी यह यात्रा सफल हो सके. 

वहीं कुल मिलाकर श्रावण मेले से संबंधित सभी विभागों ने अपना-अपना जिम्मा संभाल लिया है ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छता व पीने का स्वच्छ जल जैसी सुविधाओं के साथ माता रानी के दर्शन हो सके और इस बार ग्रीन मेले के रूप में श्रावण अष्टमी मेले का सफल आयोजन हो सके.

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