Kullu News(संदीप सिंह): सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मनाली–सरचू मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग-03) को रिकॉर्ड 46 दिनों में खोलकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मनाली से यह मार्ग दारचा (किमी 144.92) तक तो वर्ष भर खुला रहता है, लेकिन उससे आगे का हिस्सा—जो कि बारालाचा ला दर्रे (16,043 फीट) से होकर गुजरता है—सर्दियों में भारी बर्फबारी और खतरनाक भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बंद हो जाता है. इस मार्ग से खुलने से अब UT लद्दाख़ और कारगिल तक कोंनेटिविटी मिल जाएगी.
50 फीट तक की बर्फ और 26 अवलांच स्थल हुए साफ-
ज़ांस्कर रेंज में स्थित बारालाचा ला दर्रा अत्यधिक ऊंचाई और जोखिम भरे हालातों के लिए जाना जाता है. इस बार बीआरओ की 70 रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी (RCC), 38 बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स (BRTF) के तहत प्रोजेक्ट ''दीपक'' के अंतर्गत, 26 हिमस्खलन संभावित स्थलों की सफाई की गई. मार्ग में जगह-जगह बर्फ की दीवारें 50 फीट तक ऊੰची थीं.
21 मार्च से शुरू हुआ अभियान, 10 मई तक पूर्ण-
दारचा से सरचू तक के मार्ग की सफाई 21 मार्च 2025 को आरंभ हुई और 10 मई 2025 को पूरा हो गई. उल्लेखनीय है कि 5 मई को ही आपातकालीन यातायात के लिए मार्ग खोल दिया गया था.
नए रूट पर पहली बार सफाई, ऐतिहासिक उपलब्धि-
इस वर्ष पहली बार बारालाचा ला के नव-निर्मित और पुनर्संरेखित हिस्से (किमी 185 से किमी 195) की सफ़ाई की गई. यह सेक्शन नवंबर 2024 में पूरा हुआ था और अब पहली बार इस पर वाहनों की आवाजाही संभव हो पाई है.
10 दिन पहले पूरा किया कार्य, 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए रणनीतिक लाभ
इस वर्ष बर्फबारी का मौसम मार्च के मध्य तक चला, जिससे हालात और चुनौतीपूर्ण हो गए. बावजूद इसके, बीआरओ ने केवल 46 दिनों में मार्ग को खोल दिया जो औसतन लगने वाले समय से 10 दिन कम है. इसका सीधा लाभ लद्दाख क्षेत्र में सैन्य वाहनों की त्वरित और सुगम आवाजाही में मिलेगा , विशेषकर ਟऑपरेशन सिंदूर' के दौरान. फ़िलहाल इस सामरिक हाईवे पर कई स्पॉट है जहाँ पर एक समय में महज एक वाहन आरपार हो सकते हैं. हालाੰकि इन स्थानों पर से भी बर्फ़ हटाने का कार्य किया जा रहा है. BRO द्वारा मनाली-लेह NH को बहाल कर दिया गया है, आज से इस हाईवे पर आम नागरिक वाहनों की आवाजाही को बहाल कर दिया गया है.