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हिमाचल में बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन करने पहुंची केंद्रीय टीम, शिमला में हुई अहम बैठक

हिमाचल में बार-बार हो रही बादल फटने की घटनाओं के वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष अध्ययन दल राज्य में भेजा है. यह टीम फिलहाल राजधानी शिमला पहुंच चुकी है और मंगलवार को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक आयोजित की गई.

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हिमाचल में बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन करने पहुंची केंद्रीय टीम, शिमला में हुई अहम बैठक
Raj Rani|Updated: Jul 24, 2025, 04:13 PM IST
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Shimla News(संदीप सिंह): हिमाचल प्रदेश में बार बार बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही है. इस मानसून सीजन में राज्य के अलग अलग जिलों में 25 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. जिनमें अकेले मंडी जिले में ही अलग अलग जगहों पर 15 बादल फटे हैं. बादल फटने से घटनाओं को लेकर अब अध्ययन किया जाएगा इसको लेकर केंद्रीय टीम शिमला पहुंची है टीम ने आज मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व व अन्य अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. इसमें केंद्रीय टीम को बादल फटने की घटनाओं की जानकारी दी गई. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से हिमाचल भेजी गई टीम में सीएसआईआर रुड़की के चीफ साइंटिस्ट कर्नल केपी सिंह, सीएसआईआर रुड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एसके नेगी, मणिपुर यूनिवर्सिटी के रिटायर जियोलॉजिस्ट अरुण कुमार, आईआइटीएम रिसर्च सेंटर पुणे की सुष्मिता, आईआईटी इंदौर की सिविल इंजीनियर नीलिमा शामिल हैं.

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव व निदेशक डीसी राणा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कुछ वर्षों से काफी ज्यादा बादल को फटने की घटनाएं सामने आ रही है इसको लेकर मुख्यमंत्री जो जब दिल्ली गए थे तो गृहमंत्री से इसके अध्ययन करने का आग्रह किया था और आज एक टीम शिमला पहुंची है जिसके साथ बैठक की गई और अलग-अलग जिलों में फील्ड से बादल फटने के तथ्य जुटाने के बाद केंद्रीय टीम के कुछ सदस्य कल वापस शिमला लौटेंगे.

इसके बाद मौसम विज्ञान केंद्र शिमला, राज्य आपदा प्रबंधन समेत कई एजेंसियों से डाटा इकट्ठा करेंगे. डीसी राणा ने बताया कि इस तरह का अध्ययन शायद इससे पहले कभी नहीं किया गया है. हिमाचल में 2023 के बाद से बादल फटने की घटनाएं बहुत बड़ी है. इसलिए रूट कॉज जानना जरूरी हो गया है. केंद्रीय टीम साइंटिफिक एविडेंस जुटाने और इनका एनालिसिस करने के बाद बादल फटने के कारणों का पता लगाएगी.

विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मानसून में इस बार भी काफी नुकसान देखने को मिल रहा है. जुलाई के पहले हफ्ते में मानूसन काफी प्रभावशाली रहा. वही दो दिन पहले लाहुल स्पिति में भी बादल फटा है लेकिन इसमें कोई जानी नुकसान नही हुआ लेकिन लोगो के खेतों में मलबा घुस गया है.

अभी फिलहाल कोई अलर्ट नही है लेकिन छोटी घटनाएं हो रही है. चम्बा के भरमौर में भी दो लोगो की दुखद घटना हुई है. सोनू निगम की इस मानसून में अब तक 114 लोगों की जान जा चुकी है और इसमें सड़क दुर्घटनाए भी शामिल है. इसके अलावा प्रदेश में अब तक मानसून में 1200 करोड़ का नुकसान हुआ है.

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