Himachal Pradesh/विजय भारद्वाज: केंद्र सरकार द्वारा वकीलों पर अधिवक्ता संशोधन बिल लागू करने के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के तक़रीबन 12 हजार वकील आज दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं वकीलों के हड़ताल पर जाने के कारण उन्होंने अदालती कार्यवाही का बहिष्कार किया जिससे अदालतों का काम ठप रहा व वकीलों की कुर्सियां खाली नजर आई. वहीं बात करें तो बिलासपुर जिला की तो जिला न्यायालय सहित अन्य अदालतों में भी वकीलों की हड़ताल देखने को मिली और अदालत के मुख्य गेट पर वकीलों ने इकट्ठा होकर अधिवक्ता संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इस बात की जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश बार एसोसिएशन कॉर्डिनेशन कमेटी के राज्य सचिव श्याम लाल ठाकुर ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता एक्ट 1961 में प्रस्तावित संसोधनों के खिलाफ देशभर के वकील हड़ताल पर है. वहीं उन्होंने कहा कि संशोधित बिल के खिलाफ प्रदेश के सभी 51 बार काउंसिल में दो दिनों की हड़ताल जारी है व बिलासपुर जिला में भी सभी अधिवक्ताओं ने मिलकर हड़ताल का समर्थन दिया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि अधिवक्ता एक्ट के तहत एजुकेशन से सम्बंधित जो फैसले लिए जाते थे वह राज्य की बार काउंसिल व काउंसिल ऑफ इंडिया के चयनित सदस्यों द्वारा लिए जाते थे जिसमें केंद्र सरकार का दखल बढ़ जाएगा, अधिवक्तों से सम्बंधित डिसिप्लिनरी कार्यवाही पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया व राज्यों की बार काउंसिल के इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव द्वारा की जाती थी मगर इस संसोधित बिल के बाद सरकार द्वारा नामित कुछ सदस्य डिसिप्लिनरी कमेटी के सदस्य होंगे जो की मामले की कार्यवाही करते हुए फैसला लेंगे जिससे प्रभावशाली लोगों के दबाव में अधिवक्ता के खिलाफ कार्यवाही की संभावना बढ़ जाएगी.
साथ ही श्याम लाल ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही तरीके से वकीलों के खिलाफ कदम उठा रही है जिसके खिलाफ प्रदेश के वकील हड़ताल कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द कॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्य संशोधित बिल को वापिस लेने की माँग को लेकर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा व हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर से मुलाकात की जाएगी और समस्त जिलों के अधिवक्ता भी अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों के समक्ष मांगों को रखेंगे.