Dharamshala News(विपन कुमार): नगर निगम धर्मशाला के साथ एक कंपनी द्वारा 16 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. नगर निगम के बैंक खाते से फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस राशि की निकासी हुई है, जिसकी भनक निगम को कई सालों के बाद लगी है, निगम प्रशासन ने धोखाधड़ी के इस मामले में सदर थाना धर्मशाला में एफआईआर दर्ज करवाई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने साल 2016 में शहर की सफाई व्यवस्था के लिए दिल्ली की एक कंपनी को सेनिटेशन कार्य का ठेका दिया था. नियमानुसार कंपनी ने 16 लाख रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में निगम के पास जमा करवाई थी. हालांकि, कुछ समय बाद कंपनी ने नगर निगम को बिना कोई सूचना दिए सेनिटेशन कार्य छोड़ दिया. नियमानुसार उसकी सिक्योरिटी राशि जब्त की जानी चाहिए थी. निगम ऐसा करता उससे पहले ही आरोपी कंपनी निगम के पास जमा की गई सिक्यूरिटी राशि को निकाल चुका था. नतीजतन अब निगम के पास पुलिस स्टेशन में तहरीर देने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है.
दरअसल अभी हाल ही में एक ऑडिट के दौरान इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ था, जिसमें यह बात सामने आई कि राशि बैंक से पहले ही निकाली जा चुकी है. जब नगर निगम प्रशासन ने बैंक से इस निकासी की जानकारी मांगी तो यह हैरान करने वाला तथ्य सामने आया कि फर्म ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से यह राशि निकाल ली थी। बैंक को भी फर्जीवाड़े का पता नहीं चला और कंपनी पैसे लेकर गायब हो गई.
इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने कंपनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और कानूनी प्रक्रिया के तहत राशि की रिकवरी कर ली है. एएसपी कांगड़ा हितेश लखनपाल ने बताया कि नगर निगम धर्मशाला द्वारा एक कंपनी पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक से लाखों रुपये की राशि निकालने का मामला दर्ज करवाया गया है. शिकायत के आधार पर पुलिस जांच कर रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है.