Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के जनरल मैनेजर विमल नेगी की मृत्यु के मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की निगरानी में की जाएगी. सरकार ने इस जांच रिपोर्ट को 15 दिन के भीतर सौंपने का निर्देश दिया है.
साथ ही, एचपीपीसीएल के एमडी रमन मीना और डायरेक्टर देशराज को जांच के दौरान कार्यालय में ड्यूटी पर नहीं रहने के आदेश दिए गए हैं. इस दौरान, आईएएस अधिकारी राकेश प्रजापति को एचपीपीसीएल के एमडी और सुरेंद्र कुमार को डायरेक्टर के पद पर जिम्मेदारी सौंपी गई है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में यह घोषणा की और कहा कि यदि जांच में किसी भी व्यक्ति की जिम्मेदारी सामने आती है, तो सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि विमल नेगी के लापता होने के बाद उनकी पत्नी ने उनसे मिलने की कोशिश की, और सरकार ने उनकी तलाश में हर संभव प्रयास किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे और उनकी अंतिम लोकेशन बिलासपुर में थी. मंगलवार को उनका शव बिलासपुर जिले के शाहतलाई के पास गोविंद सागर झील से बरामद किया गया.
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह हत्या थी या आत्महत्या. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नेगी के परिवार ने वरिष्ठ अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाने का आरोप लगाया है, और राज्य विद्युत निगम की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है.
एचपीएसईबीएल कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे ने भी कार्यस्थल पर खराब वातावरण का आरोप लगाते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.