Shimla Gudiya Murder Case: शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत आज दोषी पुलिस कर्मियों की सजा पर फैसला सुना दिया गया है. जानकारी के अनुसार पूर्व आईजी आईपीएस जहूर हैदर जैदी समेत आठ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
शिमला के कोटखाई में आठ साल पहले 2017 में 16 साल की लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में एसपी डीडब्ल्यू नेगी को पहले ही बरी कर दिया गया था.
कोर्ट ने 18 जनवरी 2025 को इस मामले में हिमाचल प्रदेश के आईजी जहूर हैदर जैदी सहित आठ पुलिसकर्मियों थियोग के डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली और कॉन्स्टेबल रंजीत सिंह को दोषी करार दिया था.
क्या है मामला?
4 जुलाई 2017 को 16 साल की गुड़िया (काल्पनिक नाम) जब स्कूल से वापस आ रही थी तभी उसका अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया गया था. फिर बलात्कार के बाद गुड़िया की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद हत्यारे ने उसके मृत शरीर को जंगल में फेंक दिया था.
सात जुलाई 2017 को गुड़िया का शव कोटखाई के जंगल से बरामद हुआ था. मामले की जांच एक-दो दिन बाद ही स्थानीय पुलिस से लेकर हिमाचल पुलिस की स्टेट एसआईटी के हवाले कर दी गई थी. उस समय शिमला के आईजी सैयद जहूर हैदर जैदी की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई थी. इस मामले में एसआईटी ने राजू और सूरज नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था. सूरज की पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई थी, जिसका आरोप पुलिस ने राजू पर लगाया था. पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच से खुलासा हो चुका था कि हत्या से पहले उसके साथ रेप किया गया था. इस मामले को लेकर पुलिस पर खासा दबाव था.