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गर्मियों में शीतलता और आस्था का संगम बना धर्मशाला से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित गुणा माता मंदिर

धर्मशाला से करीब 25 किलोमीटर दूर, ऊंची पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच बसा गुणा माता मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था और सुकून का केंद्र बन गया है.

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गर्मियों में शीतलता और आस्था का संगम बना धर्मशाला से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित गुणा माता मंदिर
Raj Rani|Updated: Jun 17, 2025, 01:07 PM IST
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Dharamshala News(विपन कुमार): भले ही इन दिनों मैदानी इलाकों में प्रचंड गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़ा रखे हों मगर पहाड़ों में इसके विपरीत स्थिति देखने को मिल रही है. ऐसे में गर्मियों से झुलस रहे लोग मौसम के इस दोहरे मापदंड से राहत पाने पहाड़ों का रुख करने लगे हैं, जिसकी बदौलत ऊंचे और सुदूर इलाकों में बने देवी देवताओं के भव्य मंदिर और उनके निवास स्थान पर्यटकों और स्थानीय लोगों की पहली पनाहगाह बन रहे हैं. इसी कड़ी में धर्मशाला की पहाड़ियों में बसा गुणा माता का मंदिर तो इन दिनों पर्यटकों और पारिवारिक सदस्यों की पहली पसंद बना हुआ है.

नेहा ने बताया कि में चंडीगढ़ से धर्मशाला घूमने के लिए आई हूं,ओर गुणा माता मंदिर के बारे में काफी लोगों से सुना था लेकिन कभी आना नहीं हुआ था. नेहा ने बताया कि छुट्टियों में यहां आने का मौका मिला है. गुणा माता मंदिर घने जंगल और पहाड़ों के बीच में है,माता के दर्शन कर यहां के ठंडे मौसम का भी आनंद लिया है,चंडीगढ़ में तो बहुत गर्मी है और यहां मौसम काफी सुहावना है. 

चंडीगढ़ से आई संगीता और विराज ने बताया कि चंडीगढ़ में इन दिनों प्रचंड गर्मी ने सबके होश ठिकाने लगा रखे हैं जबकि धर्मशाला की इन वादियों में इस कदर ठंडक है कि वो गर्मी क्या होती है उसे भूल ही गए हैं. ऊपर से जहां ये मंदिर बना हुआ है ये जगह बहुत ही शानदार है यहां आकर उन्हें ज़िंदगी की हर थकान मिटती नज़र आती है. हालांकि मंदिर की ओर आवाजाही करने वाला रास्ता बेहद दुर्गम है बावजूद इसके यहां आंतरिक शांति है और उसे पाने हजारों श्रद्धालु यहां आ रहे हैं.

गुणा माता मंदिर के पुजारी की मानें तो इस मंदिर में हर साल हजारों पर्यटक आते हैं. इन दिनों तो पर्यटकों की संख्या में आपार बढ़ौतरी होती है. हालांकि मंदिर का मूल स्थान इस क्षेत्र से भी कहीं ऊपर जाकर सुदूर पहाड़ों में है मगर देवी देवता हमेशा मानव की भलाई के लिए अवतरित होते हैं. नतीजतन लोगों की दुख तकलीफों को दूर करने मां भगवती हमारे बुजुर्गों के जरिए सुदूर पहाड़ों से इस नजदीक स्थान पर आकर बसी हैं ताकि हर कोई यहां आसानी से पहुंच सकें.

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