Bilaspur News: नवरात्रि को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पर्व माना जाता है. वहीं, शास्त्रों में कुल चार नवरात्रि का जिक्र है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं. एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है. वहीं, चैत्र और शारदीय नवरात्रि में सार्वजनिक रूप से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. जबकि गुप्त नवरात्रि में मां काली और दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना गुप्त तरीके से की जाती है.
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वहीं, देवभूमि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में आज से माघ मास के गुप्त नवरात्र बड़ी धूमधाम के साथ शुरू हो गए. गुप्त नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही पंजाब, हरियाणा व हिमाचल सहित देशभर से काफी संख्या में श्रद्धालु मां नैनादेवी के दरबार में पहुंच रहे हैं.
गुप्त नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए ज़िला प्रशासन, मंदिर प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं और श्रद्धालुओं को लाइनों में ही माता रानी के दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है.
इसके साथ ही मंदिर परिसर में साफ-सफाई व पीने के साफ जल की पूर्ण व्यवस्था की गई है. गुप्त नवरात्र के संबंध में जानकारी देते हुए नैनादेवी मंदिर के पुजारी नीलम शर्मा ने कहा कि गुप्त नवरात्रों के दौरान पूजा पाठ व हवन यज्ञ का विशेष महत्व रहता है और जो भी श्रद्धालु इन नवरात्रों के दौरान विधिवत रूप से मां नैनादेवी की पूजा अर्चना करता हैं. माता रानी उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करती हैं.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर