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Hamirpur News: केंद्रीय बजट के खिलाफ CITU का प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

Himachal News: सीटू ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी और प्रदर्शन. कहा केंद्र के बजट में मनरेगा बजट की नहीं की वृद्धि और कारपोरेट का फायदा पहुंचाने के लिए पेश किया बजट.  

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Hamirpur News: केंद्रीय बजट के खिलाफ CITU का प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी
Raj Rani|Updated: Feb 05, 2025, 04:52 PM IST
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Himachal Pradesh/अरविंदर सिंह: केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में मनरेगा बजट में वृद्धि न किए जाने को लेकर सीटू ने हमीरपुर में विरोध प्रदर्शन किया. कहा कि यह बजट सिर्फ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है. गरीब लोगों को इसमें कोई लाभ नहीं दिया गया. आउटसोर्स पर कार्य करने वालों के लिए कोई नीति निर्धारित नहीं की गई. ऐसे में यह बजट आम जन विरोधी है. केंद्रीय बजट में मनरेगा बजट की बढ़ौतरी न करने को लेकर हमीरपुर में तहसील कार्यालय से लेकर गांधी चौक तक रैली का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता सीटू के राष्ट्रीय सचिव डा. कशमीर सिंह ठाकुर ने की.

इस अवसर पर गांधी चौक पर एकत्रित हुए मनरेगा मजदूरों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर गुबार निकाला तथा विरोध में नारेबाजी भी की गई. सीटू नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार आम जनता की अनदेखी कर रही है. यदि पूंजीपतियों पर दो फीसदी कर लगा दिया जाए तो इसका लाभ आम जनता को मिलेगा. उन्होंने कहा कि आज १०० दिन का रोजगार भी मनरेगा मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है. बिजली बोर्ड का निजीकरण किया जा रहा है. हिमाचल में भी निजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार कोयला खादानों का बेच रही है. सीधा लाभ पंजीपतियों को पहुंचाया जा रहा है.

सीटू के राष्ट्रीय सचिव कशमीर सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में मनरेगा बजट की वृद्धि नहीं की है. हालांकि मनरेगा में काम करने वाले मजदूर देश की लाइफलाइन हैं. इन मजदूरों को सालाना १०० दिन का रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड का निजीकरण किया जा रहा है. ईंधन के साधानों को सरकार बेच रही है। इसी के विरोध स्वरूप प्रदर्शन किया गया है.

सीटू के जिला सचिव जोगिंद्र सिंह कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है वह जनता विरोधी है. सार्वजनिक संपत्तियों को १० लाख करोड़ में बेचने का प्रावधान किया गया है. कारपोरेट को लाभ पहुंचाने की दृष्टिगत यह बजट बनाया गया है. उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्ज, मिड डे मील के लिए कोई नीति नहीं बनाई जा रही. पहले इनके लिए नीति बनाने की बातें कही गई थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है.

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