Hamirpur News(अरविंदर सिंह): चिट्टे जैसे घातक नशे के प्रचलन से बिगड़ रहे सामाजिक हालातों को सुधारने का काम अब पंचायती राज विभाग के नुमाइंदे करेंगे. जिला पुलिस ने वार अंगेस्ट ड्रग मुहिम के तहत जिला परिषद, बीडीसी, नगर परिषद व नगर निगम के प्रतिनिधियों को मुहिम में शामिल किया है. इनके व्हाटसऐप ग्रुप बनाए हैं, जिसके माध्यम से नशे की सूचनाएं सांझा की जा सकती हैं. इन ग्रुप में पुलिस अधिकारियों को एडमिन बनाया गया है. संबंधित थाना से व्हाटसऐप ग्रुप बनाया गया है जिसमें क्षेत्राधिकारी के पंचायती राज प्रतिनिधियों को जोड़ा गया है.
वहीं शहरी स्थानीय स्वशासन यानि की नगर परिषद व नगर निगम के लिए अलग व्हाट्सऐप गु्रप पुलिस की तरफ से बनाया गया है. इनमें निगम के अधिकारियों व पार्षदों को जोड़ा गया है. वार अंगेस्ट ड्रग मुहिम की चेन के साथ दूसरे चरण में पंचायत प्रतिनिधियों सहित शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों व कर्मचारियों को जोड़ा गया है. पहले पंचायत के प्रधान, उपप्रधान, वार्ड सदस्य व सचिव को व्हाट्सऐप ग्रुप के साथ जोडक़र नशे के खिलाफ मुहिम में शामिल किया गया था. पुलिस को अपनी इस मुहिम में कामयाबी भी मिली है. गुप्त सूचना के आधार पर नशे में संलिप्त कई लोगों को पकड़ा गया है.
चिंतनीय है कि हमीरपुर जिला में चिट्टे जैसे घातक नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. बेशक पुलिस ने चिट्टा तस्करी मामलों के बड़े किंगपिन सलाखों के पीछे पहुंचाओ हों लेकिन सोसायटी में जड़ें फैला चुका चिट्टा आज भी सामाजिक सुधार की दृष्टि से बड़ी चुनौती है. चिट्टे जैसे घातक नशे की चपेट में अधिकांश युवा पीढ़ी है. इस नशे को समाज से समाप्त करने के दृष्टिगत पुलिस ने वार अगेंस्ट ड्रग अभियान चलाया है.
पहले पुलिस ने पंचायत प्रधान, उपप्रधान, सचिव व वार्ड सदस्य के व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए थे, जिसमें पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया था. उन गु्रप के माध्यम से पुलिस को चिट्टे से संबंधित कई सूचनाएं प्राप्त हुई हैं जिसके आधार पर कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है. अब पुलिस ड्रग के खिलाफ जिला परिषद, बीडीसी सदस्य, नगर परिषद, नगर पंचायत का भी सहयोग लेने जा रही है. इसके लिए भी व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए जा रहे हैं ताकि चिट्टे से जुड़े या चिट्टा प्रयोग कर रहे लोगों की जानकारी मिल सके.
वार अंगेस्ट ड्रग (वैड) के तहत जिला परिषद, बीडीसी, नगर परिषद, नगर पंचायत के व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए जा रहे हैं. इन गु्रप में पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया है. नशा तस्करी या नशे के प्रयोग की सूचनाएं पुलिस अधिकारियों को ग्रुप में या निजी नंबर पर शेयर की जा सकती हैं. पुलिस तुरंत ऐसे मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है.